नारद राय अब साईकिल छोड़ हाथी पर चढ़े, टिकट भी कन्फर्म।

शम्स तबरेज़, सियासत ब्यूरो।
लखनऊ: समाजवादी पाटी का एक और चेहरा साईकिल छोड़ हाथी पर सवार हो गए है। बलिया सदर से मौजदा विधायक और अखिलेश मंत्रीमंण्डल रह चुके नारद राय ने रविवार को समाजवादी पार्टी से इस्तीफा देकर बसपा में शामिल हो गए। बसपा में शामिल होने के साथ ही नारद राय का बलिया सदर से टिकट कन्फर्म हो गया और बलिया सदर से पूर्व में घोषित बसपा प्रत्याशी रामजी गुप्ता का टिकट काट दिया गया है। बसपा के राष्ट्रीय महासचिव स​तीशचंद्र म़िश्र ने अपने आवास पर नारद को बसपा शामिल किए जाने की घोषणा की। सतीशचन्द्र ने बताया कि रविवार को नारद राय मायावती से मिले और बिना शर्त बसपा में शामिल होने की बात कही।
नारद राय को मुलायम सिंह और शिवपाल का करीबी माना जाता है। लेकिन दो बार मंत्रीमण्डल से निकाले जाने से नाराज़ नारद राय पहले ही पार्टी छोड़ने का मन बना चुके थे। इससे पहले समाजवादी पार्टी में सबसे विश्वासपात्र माने जाने वाले अंबिका चौधरी बसपा में शामिल हो चुके है।
नारद राय का पूर्वांचल के भूमिहार समाज में काफी पकड़ है। अखिलेश ने सपा की कमान संभालने के बाद नारद राय समेत कई नेताओं का टिकट काट दिया। नारद राय ने मुख्यमंत्री अखिलेश पर नेताजी मुलायत सिंह यादव को अपमानित करने का भी आरोप लगया। नारद ने बातों ही बातों में और भी सपा नेताओं के बसपा में शामिल होने का इशारा दिया। उन्होने कहा कि आगे—आगे देखिए होता है क्या?
अखिलेश के टिकट काटने से नाराज नेताओं का दूसरी पार्टी और निर्दलीय चुनाव लड़ने के मामलों में इज़ाफा हुआ है। अखिलेश ने मुलायम सिंह यादव के दो समधियों का ​भी टिकट दिया था जिनमें से एक ने राष्ट्रीय लोक दल का दामन थाम लिया जबकि दूसरे समधी ने निर्दलीय चुनाव लड़ने की घोषणा की है।