आलिया भट्ट ने कहा की नारीवाद ‘लैंगिक समानता’ की बात करता है लेकिन लोग इसे गलत समझते हैं और इसे अकसर पुरषो पर प्रहार समझा जाता है ।
अभिनेत्री ने कहा, नारीवाद के कारन महिलाये किसी भी प्रकार के ‘विशेष’ व्यवहार की उम्मीद नहीं करती हैं ।
” नारीवादी होना केवल लड़कियों तक ही सिमित नहीं है । पुरुष भी नारीवादी हो सकते हैं । नारीवाद समानता की बात करता है और हर कोई समानता में विश्वास रखता है। परंतु लोग अकसर इसे गलत समझते हैं और यह सोचते हैं की इसका मतलब पुरुषो पर प्रहार हैं।”
” मैं यह नहीं कहती की औरते पुरुषो से ज़्यादा बेहतर है , क्योंकि मुझे नहीं लगता की यह बोलना सही है। परंतु मैं यह चाहती हूँ की दोनों को समान अधिकार मिले, आलिया भट्ट ने पीटीआई से कहा।”
23 वर्षीय अभिनेत्री ने कहा की वे किसी भी महिला अधिकार अभियान का हिस्सा नहीं है परंतु इसका मतलब यह नहीं है की वो नारीवादी नहीं है ।
आलिया का मनना है की ‘महिला सशक्तिकरण’ के बारे में काफी कुछ कहा जा चूका है और लोगो को अब यह समझने की ज़रूरत है की ‘समानता’ एक महिला का जन्म सिद्ध अधिकार है।
अभिनेत्री का कहना है कि वह अपनी आगामी फिल्म “बद्रीनाथ की दुल्हनिया” में उनके चरित्र ‘वैधी’ को अच्छी तरह समझ पायी क्योंकि वो कुछ-कुछ उनकी तरह ही है।