नार्वे की एक अदालत ने गुज़शता साल एक तफ़रीहगाह में वहशयाना फायरिंग के ज़रीया 77 सफ़ैद फ़ाम अफ़राद को हलाक करदेने वाले अपने शहरी ईंदरीस बरीवीक को दहश्तगर्द कार्यवाईयों के जुर्म का मुर्तक़िब(मुजरिम) क़रार दिया है और इस जुर्म पर उस को 21 साल की सज़ाए क़ैद दी गई है।
पाँच जजों ने मुत्तफ़िक़ा तौर पर कहा कि बरीवीक अक़ल ठीक हालत में पाई गई है। ओस्लो अदालत का फ़ैसला बरीवीक की ख़ाहिश के मुताबिक़ पाया गया।
इंतिहाई शिद्दत पसंद दाएं बाज़ू के इस जुनूनी वहशयाना हमले ने गुज़शता साल सारे नार्वे को करब-ओ-इज़तिराब में मुबतला कर दिया था और सारी दुनिया में रंज-ओ-ग़म की लहर दौड़ गई थी।
वाज़ेह रहे कि बरीवीक ने 22 जुलाई 2011- को एक तफ़रीहगाह में धमाका करते हुए 8 अफ़राद को हलाक करदिया था और मजनूनाना फायरिंग में दीगर 69 अफ़राद को मौत के घाट उतार दिया था।
इजलास-ए-कामिला की सदारत पर फ़ाइज़ जज एलज़ीबथ अरनतज़न ने कहा कि इस को 10 साल की अक़ल्ल तरीन सज़ा-ए-के साथ 21 साल की सज़ाए क़ैद दी गई है।
बरीवीक ने सज़ा के ख़िलाफ़ अपील करने से इनकार करदिया।