निजामी की फांसी पर पाकिस्तान- बांग्लादेश आमने-सामने

जमात-ए-इस्लामी प्रमुख मोतिउर रहमान निजामी को 1971 के युद्ध अपराधों के सिलसिले में फांसी पर चढ़ाए जाने को लेकर बढ़े विवाद के बीच पाकिस्तान और बांग्लादेश ने ‘जैसे को तैसा’ की नीति अपनाते हुए एक दूसरे के दूतों को गुरुवार 12 मई को तलब किया।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय (FO) ने एक बयान में कहा, दिसंबर 1971 से पहले किए गए कथित अपराधों को लेकर मोतिउर रहमान निजामी को दोषपूर्ण न्यायिक प्रक्रिया के जरिए फांसी पर चढ़ाए जाने की दुर्भाग्यपूर्ण घटना को लेकर एक जोरदार विरोध दर्ज कराया गया है।

बांग्लादेशी दूत नजमुल हुदा को गुरुवार 12 मई विदेश कार्यालय में तलब किया गया। इससे एक दिन पहले पाकिस्तान ने दुर्भाग्यपूर्ण फांसी को लेकर दु:ख व्यक्त करते हुए एक बयान जारी किया था और नेशनल असेंबली ने फांसी की निंदा करते हुए एक प्रस्ताव पारित किया था।