नई दिल्ली
सरकारी आदाद-ओ-शुमार के मुताबिक़ नियम फ़ौजी दस्तों के 150 से ज़ाइद अहलकारों ने साल 2014 और जारीया साल के इब्तेदाई 4 माह के दौरान मुख़्तलिफ़ वजूहात की बिना ख़ुदकुशी करली। मर्कज़ी विज़ारत-ए-दाख़िला की एक मुख़्तसर सी रिपोर्ट में बताया गया कि मुतफ़र्रिक़ मर्कज़ी फोर्सेस सैंटर्ल रिज़र्व पुलिस फ़ोर्स, बॉर्डर सिक्योरिटी फोर्सेस इंडो तिब्बतन बॉर्डर पुलिस, शसतरा सीमा बिल, सैंटर्ल इंडस्ट्रीयल सिक्योरिटी फ़ोर्स और आसाम रीफ़लर के 120 मुलाज़मीन ने गुज़िशता साल और जारीया साल 30 अप्रैल तक 35 अहलकारों ने ख़ुदकुशी करली है जबकि मज़ीद 5 ख़ुदकुशी के वाक़ियात मई 2015के दौरान पेश आए हैं जोकि सरकारी रिपोर्ट में दर्ज नहीं किए गए हैं।
एक सीनियर ओहदेदार ने बताया कि नियम फ़ौजी दस्तों के इंतेहाई इक़दाम की मुख़्तलिफ़ वजूहात बिशमोल ख़ानदानी मसाइल, काम का दबाव, फ़लाही असकीमात पर अमल आवरी में रुकावट है। मर्कज़ी नियम फ़ौजी दस्तों की जुमला तादाद 8 लाख नफ़ूस है जिस की ख़िदमात दाख़िली सलामती, सरहदों की हिफ़ाज़त, इंतेख़ाबात की डयूटी और गड़बड़ ज़दा इलाक़ों में अमन-ओ-क़ानून की बरक़रारी केलिए हासिल की जाती है।