निर्भया गैंगरेप केस: नाबालिग मुल्ज़िम की रिहाई पर रोक से हाईकोर्ट का इनकार

दिल्ली हाईकोर्ट ने आज जुमे के रोज़ एक बड़ा फैसला सुनाते हुए निर्भया गैंगरेप केस के नाबालिग मुजरिम की रिहाई पर रोक लगाने से इंकार कर दिया है।

इस फैसले के आने के बाद इससे नाराजगी जताते हुए निर्भया की वालदा ने सुप्रीम कोर्ट जाने का फैसला किया है। कोर्ट के फैसले से मायूस और नाराज निर्भया की मां ने कहा कि हमारी तमाम कोशिशों के बावजूद नाबालिग मुजरिम रिहा हो जाएगा।

उन्होंने आगे कहा कि वो अपनी बेटी को इंसाफ दिलाने के लिए सुप्रीम कोर्ट भी जाएंगी। गौरतलब है कि वो 20 तारीख को रिहा हो जाएगा।

मरकज़ की ओर से दिल्ली हाईकोर्ट में डाली गई दरखास्त पर सुनवाई करते हुए अदालत ने कहा कि नाबालिग मुजरिम की सजा खत्म हो रही है और कानून के मुताबिक अब उसे बाल सुधार गृह में नहीं रखा जा सकता है।

गौरतलब है कि मरकज़ की हुकूमत को खूफिया एजेंसियों से ये खबर मिली थी‌ कि नाबालिग मुजरिम सुधार गृह में दहशतगर्दो के राबिते में है। उन्हें ये भी खबर मिली थी कि अगर वो रिहा हुआ तो दहतगर्दाना सरगरिमियों में शामिल हो सकता है।

यही वजह थी कि मरकज़ की हुकूमत ने नाबालिग मुजरिम की रिहाई पर रोक लगाने की मांग की थी। मरकज़ ने ये भी हवाला दिया था कि काउंसिलिंग में उसकी ज़हनियत के बारे में कुछ भी साफ नहीं है इसलिए भी उसकी रिहाई नहीं होनी चाहिए।

आज दिल्ली हाई कोर्ट ने अपना फैसला सुनाते हुए आखिरी फैसला जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड पर छोड़ा है।

निर्भया के नाबालिग मुजरिम की रिहाई पर रोक लगाने से कोर्ट के इंकार के बाद चारों ओर से इस ताल्लुक में रद्दे अमल आ रहे हैं। निर्भया के वालिदैन के बाद दिल्ली वुमेंस कमीशन ने भी हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस, सुप्रीम कोर्ट और सदर जम्हूरिया के सामने नाबालिग मुजरिम की रिहाई के खिलाफ अपील करने का फैसला किया है।

दिल्ली के एलजी नजीब जंग ने वुमेंस सेक्युरिटी पर बोलते हुए कहा कि इसे लोगों के सुलूक व रवैय्ये और दिल्ली पुलिस के चैलेंजों से सीधा लेना-देना है।

वहीं मरकज़ी वज़ीर मेनिका गांधी से जब पूछा गया तो उन्होंने कहा कि जुवेनाइल एक्ट राज्यसभा में ज़ेर ए गौर यानी अटका पड़ा हुआ है। सरकार पूरी कोशिश कर रही है कि वो इस कानून को पास कराए।