आगामी उत्तराखंड विधानसभा चुनाव में बुजुर्ग, बीमार और दिव्यांग मतदाताओं को घर से पोलिंग बूथ तक लाने और ले जाने का जिम्मा निर्वाचन आयोग का होगा। मताधिकार की राह में कोई बाधा न बने इसके लिए केंद्रीय निर्वाचन आयोग यह खास पहल करने जा रहा है।
आयोग ने राज्य निर्वाचन विभाग को इस संबंध में तैयारी करने के निर्देश दिए हैं। पोलिंग बूथों तक लाने के लिए वाहनों, व्हील चेयर और कंडियों का इस्तेमाल किया जाएगा। सबको मताधिकार का अवसर देने के लिए आयोग का बुजुर्ग और दिव्यांग मतदाताओं पर खास फोकस है।
इसके लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी राधा रतूड़ी को दिव्यांगों की बूथ स्तर पर सूची बनाने के निर्देश दिए गए हैं ताकि उनकी आसानी से पहचान हो सके और उन्हें पोलिंग बूथों तक पहुंचने में कोई परेशानी न हो। बुजुर्गों, बीमार और दिव्यांगों को राज्य के 10854 पोलिंग बूथों तक लाने-ले जाने के लिए खास प्रबंध किए जाएंगे।
दिव्यांगों, बुजुर्गों और बीमार मतदाताओं को आयोग की टीम वाहनों से न सिर्फ पोलिंग बूथों तक लाएगी बल्कि उन्हें घर भी छोड़ेगी। पोलिंग बूथों पर व्हील चेयर की सुविधा होगी। मैदानी इलाकों में स्थित अधिकांश पोलिंग बूथों में रैम्प्स बने हैं, जहां नहीं है, वहां टेम्परेरी रैम्प्स तैयार किए जाएंगे।
पर्वतीय क्षेत्रों में जहां वाहन या रैम्प्स के जरिए बुजुर्ग, बीमार व दिव्यांग मतदाताओं का लाना संभव नहीं होगा, उन्हें आयोग की ओर से कंडी की सुविधा उपलब्ध कराई जाएगी। आयोग ने प्रत्येक मतदाता केंद्र में बिजली, पानी, शौचालय और बैठने की व्यवस्था करने के निर्देश भी दिए हैं।
निर्वाचन आयोग की एक अक्टूबर 2016 की मतदाता सूची के मुताबिक, राज्य में 60 से 69 आयुसीमा के 5,86,134 वोटर हैं। 70 से 79 उम्र के 2,86,035 वोटर हैं जबकि 80 से अधिक आयु सीमा के वोटरों की संख्या 94,454 है। 10 जनवरी को संशोधित मतदाता सूची में इस संख्या में फेरबदल हो सकता है।