निज़ामबाद में ग़रीबों को बिला सोदी कर्ज़ों की इजराई

निज़ामबाद ये अल्लाह ताअला का फ़ज़ल-ओ-करम हैके दी इस्लामिक वेलफेयर सोसाइटी निज़ामबाद ग़रीब-ओ-ज़रूरतमंद लोगों की मदद करने का जो बेड़ा आज से चार साल पहले अल्लाह ताअला की मदद के भरोसे पर उठाया था और रब करीम की मदद भी शामिल हाल रही कि ये सोदी क़र्ज़ में मुबतला लोगों को सूद की लानत से निकालने के लिए ये कोशिश की है।

हदीस पाक हैके कोई बंदा किसी ज़रूरतमंद की अचानक मदद करता है अल्लाह भी आख़िरत में उस को अचानक जन्नत की बशारत देता है। किसी ज़रूरतमंद को तसल्ली भी दे और उस को क़र्ज़ से नजात के लिए उस की मदद भी की जाये तो ये दोहरे अज्र का बाइस बनता है। इन ख़्यालात का इज़हार सदर सोसाइटी अबदुर्रहमान दाऊदी ने सोसाइटी के बुनियादी अरकान के सालाना मीटिंग में ख़िताब करते हुए किया।

आप ने तमाम मैंबरान के हक़ में दुआ की के आप तमाम की कोशिशों और काविशों के नतीजे में सोसाइटी अपनी तरक़्क़ी की तरफ़ गामज़न है । सेक्रेटरी दी इस्लामिक वेलफेयर सोसाइटी निज़ामबाद सय्यद रियाज़ तन्हा ने सालाना रिपोर्ट पेश की।

रिपोर्ट में उन्होंने कहा कि सोसाइटी ने अपने क़ियाम से अपने कम वसाइल के बावजूद 175 अफ़राद जो कि फाइनैंस के चक्कर में पड़े हुए थे और असल रक़म के ज़रीये रक़म सूद ख़ोरों को सूद के तौर पर दे चुके थे फिर भी असल रक़म जूं की तूं बरक़रार थी।

सोसाइटी ने उन 175 अफ़राद को मबलग़ 12 लाख 67 हज़ार चार सौ र्रपये इजरा किए। और उन लाचार-ओ-परेशान हाल लोगों को जो अपनी गाड़ी मेहनत की कमाई सूदखोर इन ग़रीबों का ख़ून चूस रहे थे सोसाइटी ने उन्हें बिला सूदी क़र्ज़ इजरा करके उन सूदखोर फाइनैंस से छुटकारा दिला