निज़ामाबाद में कीमती वक़्फ़ जायदाद को ख़तरा

निज़ामाबाद, 12 फरवरी: निज़ामाबाद शहर में करोड़ों रुपये की वक़्फ़ जायदाद ख़तरे में है। दरगाह हज़रत कमाल शाह बयाबानी और‌ कुंटेशव‌र की मौक़ूफ़ा 23 एकड़ 26 गंटा के मिन्जुमला कई एकड़ पर नाजायज़ क़बज़ा किया गया है और फ़िलवक़्त 6 एकड़ से ज़ाइद अराज़ी पर मुतवल्ली शेर अली शाह की धांदलियों की वजहा से नाजायज़ क़बज़ा की राह हमवार होरही है।

जिस पर गैरकानूनी तौर पर शादीख़ाने की तामीर अमल में लाई जा चुकी है इस के इलावा पेट्रोल बेंक की तामीर भी की जारही है। साबिक़ सदर ज़िला वक़्फ़ कमेटी मुहम्मद माजिद ख़ान ने इस कीमती अराज़ी के तहफ़्फ़ुज़ के लिए निज़ामाबाद शहर के मुसलमानों को बेदार करने की हर मुम्किना कोशिश कररहे हैं।

उन्होंने आरमोर रोड पर वाक़ेय इस कीमती अराज़ी जिस की जुमला मालियत 10 करोड़ से ज़ाइद है तहफ़्फ़ुज़ के लिए क़लब शहर गांधी चौक पर 24 दिसंबर से ज़ंजीरी भूक हड़ताल का आग़ाज़ किया था ताकि सारे शहर के मुसलमानों को वक़्फ़ अराज़ी के तहफ़्फ़ुज़ से मुताल्लिक़ जानकारी हासिल होसके।

मुहम्मद माजिद ख़ान की ज़ंजीरी हड़ताल के नतीजे में 31दिसंबर को वक़्फ़ टास्क फ़ोर्स की टीम ने निज़ामाबाद का दौरा करते हुए इस अराज़ी का मुआइना किया और इस अराज़ी पर पेट्रोल पंप की तामीर को मंसूख़ करदिया है। साबिक़ सदर ज़िला वक़्फ़ कमेटी मुहम्मद माजिद ख़ान ने निज़ामाबाद शहर के तमाम मुसलमानों से पुर ख़ुलूस अपील की है कि वो आरमोर रोड पर इस कीमती अराज़ी के तहफ़्फ़ुज़ के लिए आगे आएं।

उन्होंने इस कीमती अराज़ी के हुसूल और इस अराज़ी को कारआमद बनाने के सिलसिले में तजवीज़ पेश करते हुए कहा कि 80 के दहिय में निज़ामाबाद शहर में सादुल्लाह हुसैनी आई टी आई का क़ियाम अमल में लाया गया था। आरमोर रोड पर कीमती अराज़ी प्रसाद हुसैनी आई टी आई का दुबारा क़ियाम अमल में लाते हुए मुस्लिम तलबा तालिबात को मुख़्तलिफ़ हुनर से आरास्ता करने का पुख़्ता नज़म किया जा सकता है।

बसूरत दीगर ये कीमती अराज़ी नाजायज़ क़बज़े में चली जाएगी। मुहम्मद माजिद ख़ान के मुताबिक़ वक़्फ़ बोर्ड आंधरा प्रदेश के ओहदेदार निज़ामाबाद शहर में दुबारा सादुल्लाह हुसैनी आई टी आई को कारकर्द बनाने की उन की तजवीज़ पर ग़ौर-ओ-ख़ौस कररहे हैं। शहर के मुसलमान इस काम में आगे आते हुए आरमोर रोड पर वक़्फ़ अराज़ी के हुसूल में तआवुन करने की सूरत में यक़ीनी तौर पर इस अराज़ी को मिल्लते इस्लामीया के लिए कारआमद बनाया जा सकता है।

सादुल्लाह हुसैनी आई टी आई में तलबा को ड्राफ़्ट मैन सियोल वेल्डिंग और फिटिंग के हुनर से आरास्ता किया जाता था। दौरे हाज़िर में सादुल्लाह हुसैनी आई टी आई का क़ियाम अमल में लाने और उसे दुबारा कारकर्द बनाने की सूरत में मुस्लिम तलबा और तालिबात को कई नए असरी कोर्सस से आरास्ता किया जा सकता है।

सादुल्लाह हुसैनी आई टी आई के क़ियाम के लिए दरगाह हज़रत कमाल शाह बयाबानी की मौक़ूफ़ा अराज़ी मौज़ूं है ताहम इस अराज़ी का हुसूल निहायत ही अहम है। दरगाह का मुतवल्ली इस अराज़ी को गैरकानूनी तौर पर लीज़ पर देते हुए शख़्सी फ़ायदा हासिल करने कोशां है। शहर के मुसलमानों पर ये ज़िम्मेदारी है कि इस कीमती अराज़ी को हासिल करते हुए मिल्लते इस्लामीया के लिए कारआमद बना सकते हैं।