मर्कज़ी हुकूमत ने दावा किया हैके छः दहाईयों क़दीम हैदराबाद फंड्स के मुक़द्दमे में इस के पास कोई रिकार्ड मौजूद नहीं है। ये मुक़द्दमा इंगलैंड के एक बैंक में साबिक़ निज़ाम हैदराबाद नवाब मीर उसमान अली ख़ां की दौलत के 10 लाख बर्तानवी पाऊंड से ताल्लुक़ रखता है जो (रक़म) 1948 के दौरान लंदन में उस वक़्त के पाकिस्तानी हाई कमिशनर को मुंतक़िल की गई।
यहां ये बात भी काबिले हैरत हैके प्रेस इन्फ़ार्मेशन ब्यूरो ने 2008 में एक आलामीया जारी करते हुए दावा किया था के काबीना ने मसला पर पाकिस्तान के साथ बैरून अदालत तसफ़ीया से इत्तेफ़ाक़ करलिया है। लेकिन सेंट्रल इन्फ़ार्मेशन कमिशनर ने अब वज़ारत उमूर् ख़ारिजा को ये इन्किशाफ़ करने की हिदायत की हैके आया निज़ाम हैदराबाद की इस दौलत पर हिंदूस्तान और पाकिस्तान के माबैन मज़ाकात का कोई अमल शुरू हुआ था? बर्तानवी बैंक में पड़ी हुई एक मिलियन बर्तानवी पाऊंड पर मुश्तमिल ये रक़म इज़ाफ़ा के साथ 30 मिलियन पाऊंड होगई है।