निज़ाम हैदराबाद के ख़िलाफ़ रायज़नी चन्द्र शेखर राव का हक़ीक़ी चेहरा बेनकाब

तेलंगाना क़ानूनसाज़ कौंसिल में क़ाइद अपोज़ीशन मुहम्मद अली शब्बीर ने तेलंगाना हुकूमत की जानिब से वर्ल्ड बैंक को रवाना कर्दा रिपोर्ट में निज़ाम हैदराबाद के ख़िलाफ़ रायज़नी पर सख़्त तन्क़ीद की।

उन्हों ने कहा कि हुकूमत की वर्ल्ड बैंक को पेश कर्दा रिपोर्ट से चीफ़ मिनिस्टर चन्द्र शेखर राव का हक़ीक़ी चेहरा बेनकाब हो चुका है। वो अक़लीयतों की ताईद हासिल करने के लिए तेलंगाना तहरीक के दौरान और फिर इंतिख़ाबात के मौक़ा पर बारहा निज़ाम हैदराबाद के कारनामों का एतराफ़ करते रहे लेकिन जब इक़्तेदार हासिल हो गया तो उन्हों ने अपना असली रंग दिखाना शुरू कर दिया है।

मुहम्मद अली शब्बीर ने कहा कि हैदराबाद की पसमांदगी के लिए निज़ाम हैदराबाद को क़सूरवार क़रार देते हुए वर्ल्ड बैंक को रवाना कर्दा रिपोर्ट पर चीफ़ मिनिस्टर को अवाम से माज़रत ख़्वाही करनी चाहीए और रिपोर्ट से फ़ौरी दस्तबरदारी अख़्तियार की जाए।

उन्हों ने कहा कि रिपोर्ट के अफ़्शा के बाद हुकूमत इस बात की कोशिश करेगी कि चीफ़ मिनिस्टर को बचाने के लिए ये बहाना बनाया जाए कि वो रिपोर्ट के मतन से वाक़िफ़ नहीं थे।

उन्हों ने कहा कि आलमी इदारा को रवाना की जाने वाली रिपोर्ट चीफ़ मिनिस्टर की मंज़ूरी के बगै़र तैयार नहीं की जा सकती। आज भी सुप्रीम कोर्ट में 4% तहफ़्फुज़ात का मुक़द्दमा ज़ेरे दौरान है, इस में भी दरख़ास्त गुज़ारों के वकील की हैसियत से राम कृष्णा रेड्डी हैं जिन्हें के सी आर ने ऐडवोकेट जेनरल मुक़र्रर किया। मुख़ालिफ़ तहफ़्फुज़ात वकील से किस तरह तवक़्क़ो की जा सकती है कि वो सुप्रीम कोर्ट में तहफ़्फुज़ात के दिफ़ा में खड़े होंगे।