चीफ़ मिनिस्टर रियासत तेलंगाना के चन्द्रशेखर राव ने नीयती आयोग के क़ियाम पर वज़ीर-ए-आज़म मोदी की सताइश की और कहा कि मुल्क में बहुत सी तबदीलीयां रोनुमा होरही हैं। तेलंगाना क़ानूनसाज़ कौंसिल में अपना इज़हार-ए-ख़्याल करते हुए चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत ने प्लानिंग कमीशन ( मंसूबा बंदी कमीशन) को बर्ख़ास्त कर के इस के बजाय नीति आयोग का क़ियाम अमल में लाया।
साबिक़ में मर्कज़ी रक़ूमात के इस्तेमाल के लिए ग़ैर ज़रूरी कमीशन वग़ैरा क़ायम किए गए। जिस के बाइस मर्कज़ी हुकूमत की रक़ूमात ( फ़ंडज़ ) का बेजा इस्तेमाल किया गया। उन्होंने कहा कि मर्कज़ी हुकूमत फ़ंडज़ फ़राहम करने पर इस्तेमाल ना कर के ना अहल-ओ-ग़ैर कारकरद रियासत की हैसियत से निशानदेही की जाती है।
मर्कज़ से कोई शराइत-ओ-ज़वाबत ( तहदीदात ) ना रहने वाले फ़ंडज़ रियासत तेलंगाना को आना चाहीए। उन्होंने कहा कि नीति आयोग में मुल्क के तमाम चीफ़ मिनिस्टर्स बहैसीयत अरकान शामिल हैं और चीफ़ मिनिस़्टरों के मश्वरों-ओ-तजावीज़ के ज़रीये मुल्क को आगे तरक़्क़ी की सिम्त पर गामज़न करने का नीति आयोग के मुनाक़िदा मीटिंग में मश्वरा दिया गया। चीफ़ मिनिस्टर ने कहा कि एफ़ आर जी एम में इज़ाफ़ा करने पर मर्कज़ी हुकूमत से ज़रूरत के मुताबिक़ साढे़ छः हज़ार करोड़ रुपये क़र्ज़ हासिल करसकते हैं।
चन्द्रशेखर राव ने कहा कि अरकाने असेंबली-ओ-क़ानूनसाज़ कौंसिल के साथ मीटिंग मुनाक़िद कर के मुमताज़ माहिरीन मआशियात को भी मदऊ कर के इस मसले पर तफ़सीली बातचीत-ओ-तबादला-ए-ख़्याल किया जाएगा और कहा कि हमारे हुक़ूक़ के लिए हमें जद्द-ओ-जहद करनी ही पड़ेगी। चीफ़ मिनिस्टर के चन्द्रशेखर राव ने कहा कि ज़रूरत पड़ने पर उनकी सदारत में तमाम सियासी जमातों के नुमाइंदों के साथ वज़ीर-ए-आज़म और नायब सदरनशीन नीति आयोग मर्कज़ी वज़ीर फाइनैंस से भी मुलाक़ात की जाएगी।