नीतीश का इशारा : फिर एक हो सकता है जनता पार्टी

मोदी हुकूमत को घेरने के लिए जनता पार्टी फिर एक पार्टी के तौर पर सामने आ सकता है। जुमेरात को दिल्ली में सपा मुखिया मुलायम सिंह यादव के घर छह पार्टियों की बैठक के बाद साबिक़ वजीरे आला नीतीश कुमार ने ये इशारे दिए।

बैठक में जदयू सदर शरद यादव, नीतीश कुमार, राजद सरबरह लालू प्रसाद, जेडीएस लीडर एच.डी. देवेगौड़ा और आईएनएलडी लीडर दुष्यंत चौटाला भी शामिल हुए। तय हुआ कि जनता पार्टी के बिखरे मेम्बर एकजुट होकर नरेंद्र मोदी हुकूमत का मुखालिफत करेंगे। इसके लिए महामोर्चा बनाया जाएगा।

ये पार्टियां एमपी के सेशन में मजबूत ओपोजीशन की किरदार निभाएंगी। बैठक के बाद नीतीश ने कहा कि हमारा इत्तिहाद जम्हूरियत ताकतों को मजबूत बनाने के लिए है। एमपी के अगले सेशन से हम मिलकर भाजपा की कलई खोलेंगे। पुराना जनता पार्टी एकजुट होकर काम करेगा। कहा, तीन मुद्दों पर मोदी हुकूमत को घेरेंगे। काला धन, बेरोजगारी और किसानों को हिमायत मूल्य पर।

लोकसभा इंतिख़ाब के दौरान काले धन पर बड़ी-बड़ी बातें कही गई थीं, अब मुंह मोड़ा जा रहा है। अब वे कहने लगे हैं कि उन्हें मालूम ही नहीं कि कितना काला धन है। नौजवानों को रोजगार के हसीन सपने दिखाए थे। अब ऐसी रिपोर्ट है कि तकर्रुरी पर एक साल की रोक लगाई जा रही है। भाजपा ने किसानों को हिमायत देने का वादा किया था। अब वह उनसे भी मुकर रही है।

क्यों आए साथ में

लोकसभा इंतिख़ाब में इन तमाम इलाकाई पार्टियों का मुजाहिरा बेहद खराब रहा है। सभी के सामने बोहरान है।
एकजुट रहकर ही ये दल क़ौमी सियासत में मौजूदगी दर्ज करा सकते हैं। अपनी रियासती हुकूमतों को मजबूती दे सकते हैं।
लालू-नीतीश ने साथ आकर बिहार जिमनी इंतिख़ाब में भाजपा को रोका था। आगे भी साथ रहने की मंशा है।

लोकसभा में नहीं लेकिन राज्यसभा में ताकतवर है यह ग्रुप

इन छह दलों के लोकसभा में 15 मेम्बर हैं। सपा के 5, राजद के 4 और आईएनएलडी, जेडीयू व जेडीएस के दो-दो। यहां तो हुकुमत पर हावी होना मुश्किल है, लेकिन राज्यसभा में ताकत ज्यादा है। वहां इनके 25 मेम्बर हैं। जेडीयू के 12, सपा के 10 और जेडीएस, राजद व आईएनएलडी का एक-एक। कांग्रेस या इस नए ग्रुप की मंजूरी के बिना हुकूमत कोई भी बिल राज्यसभा से पारित नहीं करा पाएगी।