पटना। बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने एक बार फिर कहा है कि भाजपा को रोकने के लिए राष्ट्रीय स्तर पर विपक्षी दलों के महागठबंधन की जररुत है। नीतीश कुमार ने इसके लिए कांग्रेस और वामपंथी दलों को पहल करने की अपील की। पटना में नीतीश कुमार ने लोकसंवाद कार्यक्रम के बाद पत्रकारों से कहा कि यूपी में भाजपा की जीत की मुख्य वजह यहां बिहार जैसे महागठबंधन का अभाव रहा है।
यदि आप समाजवादी पार्टी, कांग्रेस और बहुजन समाज पार्टी के वोट को मिला दें तो ये भाजपा को मिले कुल वोटों से 10 फीसदी ज्यादा हो जाएगा। नीतीश कुमार ने कहा कि इस गठबंधन को जमीन पर उतारने के लिए कांग्रेस और वामपंथी दलों को पहल करनी चाहिए। इस बीच, उनके प्रतिद्वंद्वी-समर्थक लालू प्रसाद ने ट्वीट किया कि विपक्षी नेताओं को अपने अहंकार से दूर करना चाहिए और संविधान और देश को बचाने के लिए हाथ मिलाना चाहिए।
नीतीश ने कहा कि राष्ट्रीय स्तर पर महागठबंधन महासफल रहेगा। नीतीश के मुताबिक उन्होंने इस बारे में कुछ वामपंथी दलों से बातचीत की थी। हाल के पांच राज्यों के नतीजे को भाजपा अनावश्यक रुप से बढ़ा चढ़ा कर बयान कर रही है। विधानसभा चुनाव का नतीजा मिला जुला था, कांग्रेस पंजाब जीत गई, जबकि गोवा और मणिपुर में सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, इसलिए ऐसा कहना है विधानसभा चुनाव के नतीजे भाजपा के पक्ष में थे गलत हैं, हां भाजपा ने जोड़-तोड़ कर गोवा और मणिपुर में सरकार बना ली।
हाल में बिहार दिवस पर आयोजित कार्यक्रम में आरजेडी नेता और डिप्टी सीएम तेजस्वी यादव को निमंत्रण नहीं मिला था इस पर पार्टी के नेताओं ने नाराजगी जताई थी। लेकिन सोमवार को नीतीश कुमार ने महागठबंधन की पैरवी कर इन सारे कयासों पर फिलहाल ब्रेक लगा दिया है। सीएम नीतीश कुमार ने ईवीएम मुद्दे पर कहा कि चुनाव आयोग को इस समस्या का पुख्ता समाधान करना चाहिए।
वरिष्ठ कांग्रेस नेता वीरप्पा मोइली ने कहा कि कांग्रेस और वामपंथी पार्टियों को नीतीश कुमार के सुझाव से सहमत होना चाहिए चाहिए। आज की जरूरत सभी धर्मनिरपेक्ष पार्टियों के एक साथ होने की है। सीपीआई (एम) के नेता मोहम्मद सलीम, सीपीआई नेता डी राजा, एनसीपी के सुप्रीमो शरद पवार ने भी अपनी बात रखी।