नीतीश कुमार ने मंत्री मंजू वर्मा को दिखाया कैबिनेट से बहार का रास्ता : मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामला

नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू ने पूर्व समाज कल्याण मंत्री मंजू वर्मा के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करते हुए उन्हें पार्टी से निलंबित कर दिया है. मुजफ्फरपुर बालिका गृह मामले में मंजू वर्मा के इस्तीफे के बाद बिहार पुलिस ने उनके बेगूसराय स्थित कई ठिकानों पर छापेमारी की थी और उनके एक घर से 50 जिंदा कारतूस बरामद किया था. इसी मामले में पुलिस ने मंजू वर्मा समेत उनके पति चंदेश्वर वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी.

मामले के दर्ज होने के बाद से ही मंजू वर्मा अपने पति के साथ फरार हो गई थी. आखिरकार पिछले महीने चंदेश्वर वर्मा ने पुलिस में सरेंडर कर दिया जिसके बाद उन्हें जेल भेज दिया गया मगर उनकी पत्नी अभी भी फरार है. बताया जा रहा है कि मंजू वर्मा को गिरफ्तार करने के लिए बिहार और झारखंड की पुलिस दोनों राज्यों में कई ठिकानों पर छापेमारी कर रही है.

आर्म्स एक्ट में प्राथमिकी दर्ज होने के बाद मंजू वर्मा ने अग्रिम जमानत के लिए पटना हाई कोर्ट में कई बार याचिका भी दायर की मगर हर बार कोर्ट ने उसे खारिज कर दिया.

इसी दौरान मुजफ्फरपुर बालिका गृह कांड के जांच की निगरानी कर रही सुप्रीम कोर्ट ने भी मंजू वर्मा की गिरफ्तारी न होने को लेकर बिहार सरकार को जमकर लताड़ लगाई है. सुप्रीम कोर्ट ने सवाल उठाया था कि क्या मंजू वर्मा कानून से भी ऊपर हो गए हैं जो उनके खिलाफ कार्रवाई नहीं की जा रही है?

गौरतलब है, मंजू वर्मा को लेकर सुप्रीम कोर्ट के कड़े रुख को देखते हुए ही बिहार पुलिस ने उनके खिलाफ गैर जमानती वारंट हाल में ही जारी किया है मगर वह लगातार पुलिस को चकमा दे रही है और अब तक उसकी गिरफ्तारी नहीं हो पाई है.

बालिका गृह कांड की सुनवाई कर रहे सुप्रीम कोर्ट ने अपने आखिरी सुनवाई में एक बार फिर से बिहार सरकार को मंजू वर्मा के मुद्दे पर जमकर फटकार लगाई थी और डीजीपी के.एस द्विवेदी को 27 नवंबर को कोर्ट में हाजिर होने के लिए कहा है.