नीतीश नहीं लड़ेंगे एसेम्बली इंतिख़ाब, सुशील मोदी पर सस्पेंस बरकरार

पटना : वजीरे आला नीतीश कुमार एसेम्बली इंतिख़ाब का इंतिख़ाब नहीं लड़ेंगे। सुशील मोदी भी शायद ही यह इंतिख़ाब लड़ें। अभी दोनों एसेम्बली काउंसिल में हैं। यहीं रहेंगे। वहीं साबिक़ वजीरे आला राबड़ी देवी ने भी कहा, मैं इस बार एसेम्बली इंतिख़ाब नहीं लड़ूंगी। मेरे दोनों बेटे तेजस्वी और तेज प्रताप इंतिख़ाब लड़ेंगे।

असल में नीतीश व मोदी एसेम्बली इंतिख़ाब से जुड़े तमाम मसलों को कायदे से अंजाम देने के लिए अपने को पूरी तरह आज़ाद रखना चाहते हैं। एक बड़ी इत्तिहाद ने नीतीश को अपना वजीरे आला उम्मीदवार का एलान किया है। उन्हीं के नाम पर इंतिख़ाब लड़ा जा रहा है। इंतिख़ाब में उनकी किरदार कई गुना बढ़ी है। वे स्टार तशहीर करने वाले लीडर हैं।
वे अपने ऊपर अपने इंतिख़ाब इलाक़े का कोई दबाव नहीं लेना चाहते। मोदी के मामले में भाजपा कियादत की कमोबेश यही समझ है। पार्टी, तशहीर में उनका भरपूर इस्तेमाल चाहती है। गुजिशता एसेम्बली इंतिख़ाब में भी तकरीबन इन्हीं वजूहात या हालात के चलते नीतीश और मोदी एसेम्बली इंतिख़ाब नहीं लड़े थे। एसेम्बली काउंसिल में आए।

ये बात गैर रस्मी बातचीत से निकली उन्होंने कह दिया-अरे, हमको तो इंतिख़ाब लड़वाना है। मैं खुद कैसे लडूंगा? फौरन यह खबर फ्लैश हो गई। इलेक्ट्रानिक चैनल से लेकर सोशल मीडिया (खासकर ट्विटर) पर। इलेक्ट्रानिक मीडिया ने नीतीश के ‘ऑफ दि रिकॉर्ड’ को ‘ऑन दि रिकॉर्ड’ कर दिया।