बिहार के डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने तेजस्वी के तंज पर टका सा जवाब देते हुए कहा कि हमारे बीच बड़ा भाई जैसा कोई विवाद नहीं है। जब हमारे दिल मिल गए हैं तो सीट कौन सी बड़ी चीज है। हर चुनाव से पहले इस बात की चर्चा होती है कि कौन कितने सीटों पर लड़ेगा।
इस बार भी लोकसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए इन बिंदुओं पर चर्चा हो रही है। इस बात को हम लोग मिल बैठकर सुलझा लेंगे। टेबल पर बैठने के बाद सबकुछ सहज तरीके से तय हो जाएगा और हम उसका ऐलान भी कर देंगे।
डिप्टी सीएम सुशील मोदी ने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी हैं। ठीक उसी तरह बिहार के नेता मुख्यमंत्री नीतीश कुमार हैं। हम लोग लोकसभा का चुनाव पीएम मोदी के नेतृत्व में लड़ेंगे।
इसलिए बिहार में जो वोट मिलेगा वो नरेंद्र मोदी के नाम पर ही मिलेगा। तेजस्वी यादव अभी बच्चे हैं। उन्हें इसमें विरोधाभास नजर आता है, पर ऐसा कहीं कुछ नहीं है। उन्हें इन बातों को और गहराई में जाकर समझने की जरूरत है।
आपको बता दें कि लोकसभा चुनावों के मद्देनजर बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने पटना में जेडीयू के बड़े नेताओं के साथ बैठक की। ये बैठक 2019 के चुनाव को लेकर थी।
जेडीयू के नेताओं ने तय किया कि लोकसभा चुनाव में बिहार में जेडीयू की भूमिका बड़े भाई की होगी। इसे भाजपा के लिए बड़ी शर्त माना जा रहा है। आपको याद दिला दें कि पहले जब बिहार में भाजपा और जेडीयू साथ थे तो 40 में से 25 सीट पर जेडीयू के उम्मीदवार होते थे।
इस बारे में जेडीयू नेता केसी त्यागी का कहना है कि हम लोग एनडीए के महत्वपूर्ण पार्टनर हैं और एनडीए के बैनर के नीचे ही हम लोकसभा चुनाव लड़ेंगे।
जहां-जहां समाजवादी आंदोलन की पहचान के केंद्र हैं, छत्तीसगढ़, राजस्थान और मध्यप्रदेश हम इन तीनों जगहों पर चुनाव लड़ेंगे और एनडीए को मजबूत करने का काम करेंगे।
उन्होंने कहा कि सीटों के बंटवारे को लेकर कोई मतभेद नहीं है। नीतीश कुमार बिहार में गठबंधन के सबसे बड़े नेता हैं। उनकी लोकप्रियता का लाभ एनडीए उठाएगा।