बिहार के वजीरे आला नीतीश कुमार की अगुवाई में पुराना जनता दल खानदान एक नया फेडरल फ्रंट तशकील करने जा रहा है। जदयू के साथ समाजवादी पार्टी और जनता दल (सेकुलर) इसमें अहम किरदार निभायेंगे।
9 और 10 फरवरी को दिल्ली में इस सिलसिले में सपा सरबराह मुलायम सिंह यादव, जदयू सदर शरद यादव, बिहार के सीएम नीतीश कुमार और जद (सेकुलर) के सदर एचडी देवगौड़ा की मुलाकात होनी है। चारों लीडर बैठक कर नये फ्रंट की तशकील का ऐलान करेंगे। साथ ही फ्रंट के नाम और इंतिखाबी पॉलिसी पर भी गौर किया जायेगा। इस सिलसिले में खुद नीतीश कुमार इशारा देते हुए जुमा को बताया कि पहल शुरू हो चुकी है। लेकिन यह कोई तीसरा या चौथा मोरचा नहीं होगा।
बिहार नवोन्मेष प्लेटफोरम के तकरीब से सहाफ़ियों से बातचीत करते हुए बिहार के वजीरे आला ने कहा कि एमपी के छह फरवरी से शुरू हो रहे संसद सेशन में समान सोच वाले दलों का नया ब्लॉक भी सामने दिख सकता है। वाम मोरचा ने इस सिम्त में पहले ही पहल की है। हम हिमायत कर रहे हैं।
वाम मोरचा ने मुखतलिफ़ रियासतों में अलग-अलग पार्टियों के साथ सीटों पर तालमेल किया है। साबिक़ जनता दल के कई दल इस बारे में एक-दूसरे से बातचीत कर रहे हैं। एक -दूसरे के साथ यूनियन बनायेंगे, लेकिन समुलियत के बारे में बात नहीं हो रही है। गुजिशता साल अक्तूबर में दिल्ली में फिरका परस्त मुखालिफीन ताकतों के सम्मेलन में नीतीश ने कहा था कि इन्हें एकजुट करने की कोशिश किये जा रहे हैं। नीतीश पहले भी फेडरल फ्रंट की वकालत करते रहे हैं।
जदयू के क़ौमी जेनरल सेक्रेटरी केसी त्यागी ने भी नयी दिल्ली में कहा कि जनता दल खानदान को एक प्लेटफोरम पर लाने की कोशिश पहले से ही हो रहा है। जदयू मानता है कि कांग्रेस और उसके सारे इत्तिहादी पार्टी बदउनवनी में मौलूस हैं और भाजपा व नरेंद्र मोदी को जवाब नहीं दे पा रहे हैं। ऐसे में जदयू गैर कांग्रेस और गैर भाजपा ज़ेहनीयत वाली पार्टियों को मिल कर इंतिखाबी मुकाबला करने की तैयारी को हतमी शक्ल दे रहा है। हालांकि अभी यह सब शुरुआती दौर में है।