एम्सट्रम: नीदरलैंड में विशिष्ट सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने या नक़ाब करने वाली किसी भी महिला को चार सौ से पांच यूरो (लगभग 44 से 54 हजार रुपये) का जुर्माना अदा करना होगा। हालांकि अब इस कानून के सीनेट से पुष्टि होना बाकी है।
डी डब्ल्यू की न्यूज़ के अनुसार नीदरलैंड की संसद के निचले सदन ने कुछ सार्वजनिक स्थानों पर चेहरा छिपाने पर प्रतिबंध लगाने के कानून को मंजूरी दे दी है। एक सरकारी बयान के अनुसार सभी नागरिकों को स्वेच्छा से कपड़े पहनने का अधिकार है लेकिन इस स्वतंत्रता को कुछ स्थानों पर सीमित करना आवश्यक हो जाता है। इस संदर्भ में सुरक्षा और सार्वजनिक सेवाओं के क्षेत्रों का उल्लेख किया गया है।
सूत्रों के अनुसार सार्वजनिक स्थानों पर बुर्का पहनने या नक़ाब करने वाली किसी भी महिला को चार सौ से पांच यूरो का जुर्माना अदा करना होगा। हालांकि अभी इस कानून के सीनेट में पुष्टि होना बाकी है।
नीदरलैंड में नकाब पहनने वाली महिलाओं की संख्या बहुत सीमित है लेकिन इस्लाम विरोधी डच नेता गेयरट वेल्डरज़ की पार्टी ‘फ्रीडम पार्टी’ से एक लंबे समय से प्रतिबंध की मांग की जा रही थी। हॉलैंड में अगले साल मार्च में चुनाव होना है और अध्ययन के अनुसार फ्रीडम पार्टी काफी प्रदर्शन करते हुए पर्याप्त वोट हासिल कर सकती है।
पारित किए जाने गये कानून के अनुसार ऐसे स्थानों पर चेहरे को नहीं छुपाया जा सकेगा, जहां पहचान ज़रुरी है। इस सूची में सरकारी कार्यालय, सार्वजनिक परिवहन, स्कूल और अस्पताल शामिल हैं। चेहरे के पूरे नकाब के विषय पर यूरोप विभाजन का शिकार है। फ्रांस और बेल्जियम में नक़ाब पर पूर्ण प्रतिबंध है जबकि कुछ यूरोपीय देशों में उनके कुछ प्रांतों ने या जिलों ने यह प्रतिबंध लगाया हुआ है। इस कानून के विरोधी इस संबंध में प्रधानमंत्री मार्क रटे की आलोचना कर रहे हैं।
नीदरलैंड को यूरोप के सबसे सहिष्णु देशों के रूप में देखा जाता रहा है। हालांकि 2006 में विवादास्पद फिल्म निर्माता थियो फ़ान गोख की हत्या के बाद देश में जातीय तनाव में वृद्धि हुई है। फ़ान गोख को एक मुसलमान ने सरेआम हत्या कर दी थी।