नीलम संजीवा रेड्डी के सियासी इक़दार क़ाबिले तारीफ

सदर जमहूरीया हिंद मिस्टर प्रणब मुकर्जी ने साबिक़ सदर जमहूरीया हिंद आँजहानी डॉक्टर नीलम संजीवा रेड्डी की मुल्क-ओ-रियासत के लिए ख़िदमात को भरपूर ख़िराजे अक़ीदत पेश करते हुए कहा कि डॉक्टर नीलम संजीवा रेड्डी के उसूल-ओ-अख़लाक़ी इक़दार और डिसिप्लिन वग़ैरा आज की नई नसल के लिए मशाल राह होंगे।

आज अनंतपुर टाउन में वाक़्ये एन संजीवा रेड्डी स्टेडीयम में मुनाक़िदा नीलम संजीवा रेड्डी सदी तक़ारीब की इख़तेतामी तक़रीब से ख़िताब करते हुए सदर जमहूरीया हिंद ने कहा कि आँजहानी साबिक़ सदर जमहूरीया हिंद अनंतपुर के ही एक अज़ीम सपूत थे।

वो ज़िला अनंतपुर के एक मौज़ा में पैदा होते हुए ना सिर्फ़ रियासत आंध् प्रदेश के दो मर्तबा चीफ़ मिनिस्टर ओहदे पर फ़ाइज़ रहे बल्कि मुल्क के जलील-उल-क़दर सदर जमहूरीया हिंद के ओहदे पर भी फ़ाइज़ हुए थे और सुप्रीम कोर्ट के मामूली नौईयत के रिमार्कस किए जाने पर उसकी ज़िम्मेदारी क़बूल करते हुए अपने अख़लाक़ी इक़दार का मुज़ाहरा कर के फ़ौरी तौर पर चीफ़ मिनिस्टर के ओहदे से स्तीफ़ा पेश किया था।

सदर जमहूरीया ने आँजहानी डॉक्टर नीलम संजीवा रेड्डी की जुस्तजू-ओ-जद्द-ओ-जहद और अज़म का तज़किरा करते हुए कहा कि इन का शुमार इंतेहाई कमउमर मुजाहिद आज़ादी के तौर पर किया जाता था।

क्यूंकि वो तालिब इलमी के ज़माने से महात्मा गांधी से काफ़ी मुतास्सिर थे और वो 16 साल की उम्र में ही महात्मा गांधी के दौरा ज़िला अनंतपुर के मौके पर मुलाक़ात कर के अपनी सियासी ज़िंदगी का आग़ाज़ किया और 18 साल की उम्र में ज़ेर-ए-तालीम डॉक्टर संजीवा रेड्डी ने अपनी तालीम तर्क कर के महात्मा गांधी के साथ जद्द-ओ-जहद आज़ादी में शामिल होगए।

उन्होंने आँजहानी साबिक़ सदर जमहूरीया हिंद की सियासी ज़िंदगी पर तफ़सीली रोशनी डालते हुए कहा कि 25 साल की उम्र में रियासती सदर कांग्रेस पार्टी मुंतख़ब हुए थे। इसतरह उन्होंने 1940 ता 1945 के दौरान अंग्रेज़ हुकमरानों के ख़िलाफ़ हिंदुस्तान छोड़ दो तहरीक में सरगर्म हिस्सा लिया और फिर बाद अज़ां मद्रास रियासत में मुख़्तलिफ़ वज़ारती ओहदों पर फ़ाइम रहे।