उत्तर प्रदेश: महिला क्रिकेट टीम की विकेट कीपर नुजहत परवीन इन दिनों सुर्खियों में छाई हुई हैं। युवा खिलाड़ी नुजहत परवीन मध्यप्रदेश के सिंगरौली की रहने वाली है।
कल कानपुर स्थित आईआईटी के एक कार्यक्रम में शामिल होने पहुंची भारतीय महिला क्रिकेट टीम की खिलाड़ी नुजहत परवीन ने अपनी कामयाबी के कुछ किस्से साँझा किए। उन्होंने बताया कि वह तो एक एथलीट बनना चाहती थी। उन्होंने सौ मीटर की रेस में गोल्ड मेडल भी जीता।
लेकिन तकदीर ने उनका रुख कहीं और मोड़ दिया। नुज़हत ने बताया की सिंगरौली में एक क्रिकेट कॉम्पिटिशन हो रहा था और टीम में एक मेंबर की जगह खाली थी।
तब हमारे टीचर ने टीम सिलेक्टर को मेरा नाम सुझा दिया और उन्होंने मेरा टीम में चयन कर लिया। उस टूर्नामेंट में मुझे मैन ऑफ दा सीरीज घोषित किया गया। यहीं से मेरी किस्मत बदल गई और एक रेसर हाथों मे ग्लव्स पहनकर क्रिकेटर बन बैठीं।
नुजहत का कहना है की मुस्लिम परिवार से होने के बावजूद मुझे किसी मुझे खास बंदिशों का सामना नहीं करना पड़ा। मैं मिताली राज की तरह बनना चाहती हूँ। मुझे अभी बैटिंग में अपना दम दिखाना है। अच्छे मौके न मिल पाने के कारण अभी मैं इसमें पीछे हूँ।
अब लगातार प्रैक्टिस कर रही हूं। वेस्टर्न रेलवे में कार्यरत नुजहत के पिता मसी आलम में एक कंपनी में काम करते हैं तो मां नसीमा बेगम गृहणी हैं। नुजहत ने बताया कि उसके भाई आमिर ने हमेशा उसकी हौंसला अफजाई की है। नुजहत मुम्बई से अभी ग्रेजुएशन कर रही है।