सप्रीम कोर्ट द्वारा भाजपा के वरिष्ठ नेता एल के अडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, और केंद्रीय मंत्री उमा भर्ती को कार सेवकों के साथ १९९२ में बाबरी मस्जिद के शहादत मामले में जोइंट ट्रायल पर डालने के कुछ की घंटो बाद नई दिल्ली में भाजपा की कोर कमिटी की बैठक हुई। बैठक में सर्वसम्मति पर भाजपा ने यह तय किया है कि नेताओं को ट्रायल पर जाकर कोर्ट द्वारा रिहाई लेनी चाहिए।
कोर कमिटी की बैठक में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, भाजपा अध्यक्ष अमित शाह, केंद्रीय मंत्री राजनाथ सिंह, अरुण जेटली, सुषमा स्वराज, एम वेंकिह नायडू और नितिन गड़करी शामिल हुए। उन सब का कहना है कि सबसे बेहतरीन कार्यवाही यही होगी कि भाजपा नेताओं को ट्रायल में जाकर रिहाई लेनी चाहिए।वहीं सीबीआइ का इस मुद्दे पर कहना है २०११ में युपिए की सरकार के समय इन नेताओं के ख़िलाफ़ चार्ज को हटाने की अपील को रद कर दिया गया था। एजेन्सी अब भी दूसरा फ़ैसला नहीं ले सकती है।
केस से क़रीबी सम्बंध रखने वाले पार्टी नेता का कहना है कि सीबीआइ का फ़ैसला तब भी नहीं बदला था जब अडवाणी जी उप प्रधानमंत्री और जोशिजी शिक्षा मंत्री थे। ऐसे केस में रिहाई कोर्ट से हाई लेनी पड़ती है। बहुत से भाजपा नेता अचमभे में है कि पार्टी के केंद्र में और यूपी में सत्ता में होने के बावजूद भी सीबीआइ द्वारा केस आगे भेज दिया गया।