नेपाल की पहली महिला प्रधान न्यायाधीश बनीं सुशीला कार्की

काठमांडू । नेपाल में पहली महिला राष्ट्रपति और पहली महिला संसद स्पीकर के बाद अब एक महिला देश के सुप्रीम कोर्ट की पहली चीफ जस्टिस बन गई है। सुशीला कार्की ने सोमवार को औपचारिक रूप से देश के चीफ जस्टिस का पदभार ग्रहण कर लिया।

संसदीय सुनवाई विशेष समिति ने रविवार को सर्वमम्मति से सुशीला कार्की के नाम का अनुमोदन कर दिया था जिसकी नियुक्ति की सिफारिश संवैधानिक परिषद ने गत 10 अप्रैल को की थी। ऐसा करके समिति ने देश के 64 वर्ष के न्यायिक इतिहास में एक नया मानदंड स्थापित किया।

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सुशीला की नियुक्ति का मतलब यह है कि अब नेपाल में राष्ट्रपति, संसद की स्पीकर और सुप्रीम कोर्ट के प्रधान न्यायाधीश के पद पर महिलाएं आसीन होंगी। 64 वर्षीय सुशीला देश की 25वीं चीफ जस्टिस हैं। राष्ट्रपति भंडारी ने उन्हें पद की शपथ दिलाई। वह करीब तीन महीने से कार्यवाहक चीफ जस्टिस के तौर पर कार्य कर रही थीं क्योंकि संसदीय विशेष समिति की सुनवाई में देरी हो रही थी।

गत 14 अप्रैल को कल्याण श्रेष्ठ के सेवानिवृत्त होने के बाद सुशीला ने कार्यवाहक चीफ जस्टिस का कार्यभार संभाला था। काशी हिंदू विश्वविद्यालय से राजनीतिक शास्त्र में स्नातकोत्तर की पढ़ाई करने वाली सुशीला भ्रष्टाचार को बिल्कुल भी बर्दाश्त नहीं करने का नजरिया रखने के लिए जानी जाती हैं।