नेपाल में एक ही ख़ानदान के 18 महलोकीन

काठमांडू

हिमालया के दामन में वाक़्य ग़ुर्बत ज़दा पहाड़ी मुल्क नेपाल हालिया हलाकत ख़ेज़ ज़लज़लों से दहलने के बाद हुनूज़ हज़ारों अफ़राद की मौत से सँभल नहीं सका है, जिस के दार-उल-हकूमत काठमांडू में वाक़्य पवित्र दरिया बागमती के किनारे महलोकीन की आख़िरी रसूमात का लामतनाही सिलसिला जारी है जहां शहर के खन्डरात से महलोकीन की नाशें पहुंचाई जा रही है इन में एक शख़्स शंकर प्रधान भी शामिल है, जो अपने भाई की 4 मंज़िला इमारत के ज़लज़लों में इन्हिदाम के सबब 18 अफ़रादे ख़ानदान की मौत देख चुका है।

बरहनापा शंकर प्रधान रात के अंधेरे में चिता को आग दिखाने के लिए मशाल के साथ मौजूद हैं। इस ने वहां अपनी बहन और दीगर अरकाने ख़ानदान की चिता को तन-ए-तनहा आग दिखाई। इन में ख़ुद प्रधान की 21 साला लड़की भी शामिल है। ताहम प्रधान का कहना है कि वो नहीं जानता कि ये सब कैसे हुआ।

आख़िरी रसूमात के मौक़े पर इंतेहाई उल-मनाक और जज़बाती मुनाज़िर देखे गए थे। प्रधान के 30 अरकाने ख़ानदान भी दरिया के किनारे मौजूद थे और अपने 18 महलूक रिश्तेदारों की चिता जलते देख कर अशकबार होगए।