नेपाल में बेगम हज़रत महल की 136 वीं बरसी तक़रीब

काठमांडू

हिन्दुस्तान ने नेपाल में बेगम हज़रत महल की 136 वीं बरसी का एहतेमाम किया और वहां उनकी मज़ार पर गुलहाए अक़ीदत पेश किए गए । बेगम हज़रत महल ने 1857 – 58 में बर्तानवी सामराज के ख़िलाफ़ बग़ावत का आग़ाज़ किया था। नेपाल में हिन्दुस्तानी सिफ़ारतख़ाना के नाज़िम उल-उमूर पियूष सिरे वास्तव ने बाग़ बाज़ार इलाक़ा काठमांडू की एक मस्जिद में बेगम हज़रत महल के मक़बरा पर फूल पेश किए।

उन्होंने हिन्दुस्तान की जद्द-ओ-जहद आज़ादी में बेगम हज़रत महल के रोल को वाज़िह किया। बेगम हज़रत महल उस वक़्त के अवध के हुकमरान नवाब वाजिद अली शाह की शरीक हयात थीं। वो इसी हिन्दुस्तानी मुजाहिद आज़ादी थीं जिन्होंने बर्तानिया की इस्ट इंडिया कंपनी के ख़िलाफ़ 1857 की पहली जंग-ए-आज़ादी में अहम रोल अदा किया था।

उनके शौहर वाजिद अली शाह को कोलकता मुंतक़िल किए जाने के बाद उन्होंने रियासत अवध में ज़िम्मा दारियां सँभाली थीं और लखनऊ पर क़ाबू हासिल कर लिया था। उन्होंने अपने फ़र्ज़ंद शहज़ादा ब्रिजेस का दर्राह को वाली अवध मुक़र्रर करदिया था ताहम बाद में अपने इक़्तेदार से महरूम करदिए गए थे। बेगम हज़रत महल का नेपाल में 7 अप्रैल 1879 को इंतेक़ाल हुआ था।