बासोपट्टी, नेपाल में बने नये संविधान निर्माण में मधेशी एवं थारू समुदाय के हक व अधिकार की उपेक्षा करने को लेकर मधेशी एवं थारू समुदाय का आंदोलन विश्व का सबसे अधिक दिनों तक चलने वाला आंदोलन हो गया हैं। मधेशी आंदोलन के सौ दिन बीतने के बाद भी नेपाल सरकार वार्ता को तो तैयार नहीं दिख रही है। इसी कारण से अरबों रुपये का कारोबार प्रभावित हुआ है।
व्यापारी मजदूर पलायन करने को विवश हैं। नाकेबंदी के कारण सामान ढुलाई भी ठप रहने से दैनिक उपयोग की वस्तुओं का दाम आसमान छू रहा है। जनकपुर में पेट्रोल पांच सौ रुपये प्रति लीटर, डीजल तीन सौ रुपये प्रति लीटर, रसोई गैस पांच हजार रुपये प्रति सिलेंडर बिक रहा है।
गैस नहीं मिलने से लोग जंगल काटकर लकड़ी का इंतजाम कर अपना पेट भरने को मजबूर हैं। मधेसी लोग अब मधेस क्षेत्रों में अपना मधेस सरकार लिखकर नेपाल सरकार के विरोध में समानांतर सरकार चलाना शुरू कर दिया हैं। मधेसी नेता शेष नारायण यादव एवं संजय सिंह ने बताया कि सरकार वार्ता करने की तरफ ध्यान नहीं देकर आंदोलन विफल करने में लगें है। जिससे आक्रोशित होकर मधेसी जनता ने नेपाल सरकार के एक निर्णय मानने से इनकार करते हुए अपना मधेस अपना शासन चलाना शुरू कर दिया है। जगह- जगह नेपाल सरकार का बोर्ड भी हटाकर मधेस सरकार लिख दिया गया है।
सरकार की गलत नीति के कारण आज देश दो धराओ में बंट गया है। इस आंदोलन में अभी तक करीब 50 से उपर मधेशी लोगो ने अपनी जान गंवा चूके हैं। जगह-जगह मधेसियों व पुलिस में झड़प हो रही है। पूर्व-पश्चिम राजमार्ग को अनिश्चतकालीन अवरुद्ध कर सामान ढुलाई तक बंद करा दिया है।