नेपाल में सियासी घमासान पर भारत की है नज़र

नई दिल्ली। नेपाल में जारी राजनीतिक गतिरोध पर भारत की पूरी नजर है, लेकिन फिलहाल भारत इस मामले में अपनी तरफ से कुछ नही कह रहा। हालांकि, नई दिल्ली की तरफ से काठमांडू को घरेलू मसले को बाहर लाने पर नाखुशी जाहिर कर दी गई है। यह कहने की जरूरत नहीं है कि पिछले कुछ समय से जिस तरह की घटनाएं हुई हैं, उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के 2014 में शुरू किए गए महत्वाकांक्षी शुरुआत को बड़ा धक्का जरूर लगा है।

नेपाल के प्रधानमंत्री केपी ओली ने पिछले कुछ सालों में कभी भी अपने कृत्यों को छुपाने की कोशिश नहीं की। पिछले एक साल के उनके कार्यकाल में तराई क्षेत्र के मधेसी समुदाय संविधान में समान अधिकार पाने के लिए व्यापक विरोध कर रहे हैं। नेपाल और भारत के रिश्तों में बड़ा झटका तब लगा जब ओली ने ‘चीन कार्ड’ खेला। नई दिल्ली से दूरी और अपनी स्वायत्तता साबित करने के लिए ओली सरकार ने यह दांव चला।