नेल्सन मंडेला को पार्लियामेंट के दोनों ऐवानों का ख़िराज-ए-अक़ीदत, इजलास का अलतवा

पार्लियामेंट के दोनों ऐवानों में आज जुनूबी अफ़्रीक़ा के मुख़ालिफ़ नसल परस्ती क़ाइद नेल्सन मंडेला को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करते हुए कहा गया कि उनके इंतेक़ाल से एक ऐसा ख़ला पैदा हुआ है जिस को पर करना मुश्किल होगा। उन्होंने जब और नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ जो जद्द-ओ-जहद की थी, ऐसा जहदकार कोई और नज़र नहीं आता।

लोक सभा और राज्य सभा दोनों ऐवानों के इजलास जुनूबी अफ़्रीक़ा के क़ाइद को ख़िराज-ए-अक़ीदत पेश करने के बाद मुल्तवी करदिए गए। लोक सभा की स्पीकर मीराकुमार और राज्य सभा के सदर नशीन मुहम्मद हामिद अंसारी नायाब सदर जम्हूरिया ने पार्लियामेंट के दोनों ऐवानों में इज़हार ताज़ियत करने में क़ौम की क़ियादत की। जैसे ही दोनों ऐवानों के इजलासों का आग़ाज़ हुआ, नेल्सन मंडेला को बाबाए जुनूबी अफ़्रीक़ा क़रार दिया गया।

हामिद अंसारी ने कहा कि महात्मा गांधी से तहरीक हासिल करके नेल्सन मंडेला ने नसल परस्ती के ख़िलाफ़ तवील मुद्दती जद्द-ओ-जहद की। उनके साथ दीगर क़ाइदीन ने इजतिमाई मुक़ातआ किया। खासतौर पर नसली तास्सुब और नसल परस्ती की ताईद करने वाले क़वानीन की मुख़ालिफ़त की गई।

मीराकुमार ने कहा कि नेल्सन मंडेला को 1990 में भारत रतन और 1993 में नोबल अमन इनाम दिया गया था। उन्होंने कहा कि जज़ीरा रॉबिन के दौरे में जहां नेल्सन मंडेला 27 साल तक जेल में थे, उन्होंने महसूस किया कि ये दौरा उनकी ज़िंदगी का इंतिहाई तहरीक देने वाला मौक़ा था किसी यात्रा से कम नहीं था।

सदर नशीन यू पी ए सोनिया गांधी ने मंडेला की जुर्रत , क़ुर्बानी और अफ़व-ओ-दरगुज़र की सताइश करते हुए उन्हें जुनूबी अफ़्रीक़ा का महात्मा गांधी क़रार दिया और कहा कि वो पूरे आलिम इंसानियत के क़ाइद थे। वज़ीर-ए-दाख़िला सुशील कुमार शिंदे ने कहा कि मंडेला ने ज़िंदगी भर नाइंसाफ़ी के ख़िलाफ़ जद्द-ओ-जहद की।