नेशनल नॉलेज नटवर्क की सार्क ममालिक को तौसीअ

नई दिल्ली: हुकूमत की जानिब से हिन्दुस्तान के नेशनल नॉलेज नटवर्क को सार्क ममालिक तक वुसअत देने का अमल जारी है ताकि तालीम के शोबे में तआवुन को बढ़ाया जा सके, वज़ीर उमूर ख़ारिजा सुषमा स्वराज ने आज यहां ये बात कही। नेशनल नॉलेज नटवर्क (एन के एन) स्टेट आफ़ दी आर्ट मल्टी गीगा बाइट पान।

इंडिया नट वर्क है जो इस मुल्क के तमाम नॉलेज से मुताल्लिक़ इदारा जात के लिए यकसाँ हाई स्पीड नट वर्क का बड़ा सहारा है। सुषमा ने साउथ एशीयन यूनीवर्सिटी की संग-ए-बुनियाद तक़रीब में कहा, हम हमारा नेशनल नॉलेज नट वर्क तमाम सार्क ममालिक को पेश करने के अमल में हैं जिस से जुनूबी एशिया के स्टूडैंटस को डीजीटल लाइब्रेरीज़ और नट वर्किंग वसाइल से बलारोक टोक इस्तिफ़ादा का मौक़ा मिलेगा।

सार्क सटलाइट भी इस ख़ित्ता को तालीम और तहक़ीक़ के शोबे में फ़ायदा पहुंचाएगा। उन्होंने मज़ीद कहा कि अगर जुनूबी एशिया के अवाम की बाहम मरबूत क़िस्मतों में भलाई को हमें यक़ीनी बनाना हो तो तालीम के शोबे में तआवुन की अज़हद एहमियत रहेगी। हम इस सिम्त में मुतअद्दिद इक़दामात कररहे हैं जिन में असरी ज़राए मुवासलात से इस्तिफ़ादा शामिल है। नई इंटरनेशनल यूनीवर्सिटी की सरपरस्ती सार्क के आठ रुकन मुमलकतें कररही हैं।