नैटो अफ़्वाज के तख़लिया के बाद अफ़्ग़ानिस्तान का मुस्तक़बिल तारीक – अमरीकी

अफ़्ग़ानिस्तान में गुज़िश्ता तीन साल के दौरान जो पेशरफ़्त हुई है, अंदेशा है कि अगर मग़रिबी ताकतें हुकूमत अफ़्ग़ानिस्तान की माली इमदाद जारी रखें, तब भी इस का संगीन सफ़ाया मुम्किन है।

ज़राए इबलाग़ की एक ख़बर में अमरीकी महकमा सुराग़ रसानी के तजज़िया के हवाला से कहा गया है कि अमरीका के 16 सुराग़ रसानी इदारों से मालूमात की बुनियाद पर पेश क़यासी की जाती है।

कि तालिबान और इक़्तेदार के दीगर दलालों का असर और रसूख़ ज़्यादा हो जाएगा, अगर अमरीकी फ़ौज जिस की तादाद चंद हज़ार है, अफ़्ग़ानिस्तान से तख़लिया कर दे।

अफ़्ग़ानिस्तान के लिए अरबों डॉलर की इमदाद आइन्दा चंद बर्सों में मग़रिबी ममालिक की जानिब से अफ़्ग़ानिस्तान को फ़राहम की जाने वाली है। वाशिंगटन पोस्ट ने सरकारी ओहदेदारों के हवाला से कहा कि अंदेशा है कि अगर इस मुआहिदा पर दस्तख़त ना हों तो अफ़्ग़ानिस्तान इंतिशार का शिकार हो जाएगा.