नैशनल फ़िल्म ऐवार्ड 2012 के लिए दरख़ास्तें मतलूब

नई दिल्ली, 02 जनवरी ( पी टी आई) मुल्क में 60 वीं बावक़ार क़ौमी फ़िल्म एवार्ड्स के लिए डायरेक्टोरेट आफ़ फ़िल्म फ़सटीवल( DFF) ने फ़िल्मसाज़ों से ख़ाहिश की है कि वो बावक़ार एवार्ड के हुसूल के लिए अपनी इन्ट्रीज़ दाख़िल करें । दरीं असना मुताल्लिक़ा ओहदेदारों ने कहा कि साल 2012 के लिए फ़ीचर फिल्मों ग़ैर फ़ीचर फिल्मों और सिनेमा के सेक्शन में बेहतरीन मज़मून के ज़ुमरे में दरख़ास्तें मतलूब हैं ।

ऐसी फिल्में जिन्हें संसर सर्टीफ़ीकेट्स मिल चुके हैं और ऐसी किताबें मज़ामीन और तब्सिरे जो सिनेमा के मौज़ू पर हो और जिनकी इशाअत यक्म जनवरी ता 31 दिसंबर 2012 के दरमयान हुई हो वो एवार्ड्स के लिए दरख़ास्त के इदख़ाल के अहल होंगे ।

जिन ज़मरों की वज़ाहत की गई है इनमें बेहतरीन फ़ीचर फ़िल्म किसी भी डायरेक्टर की बेहतरीन पहली फ़िल्म बेहतरीन मक़बूल फ़िल्म बच्चों की बेहतरीन फ़िल्म बेहतरीन एनीमेशन फ़िल्म बेहतरीन डायरेक्शन बेहतरीन ऐक्टर बेहतरीन ऐक्ट्रीयस बेहतरीन प्ले बैक सिंगर बेहतरीन प्रोडक्शन डिज़ाइन बेहतरीन म्यूज़िक डायरेक्शन बेहतरीन फ़ीचर फ़िल्म (इलाक़ाई ज़बान) और दीगर शामिल हैं ।

यहां इस बात का तज़किरा बेजा ना होगा कि हिंदूस्तान के किसी भी फ़िल्म डायरेक्टर या प्रोडयूसर की ये ख़ाहिश होती है कि वो ज़िंदगी में एक बार क़ौमी एवार्ड ज़रूर हासिल करे ।

सिर्फ़ डायरेक्टर और प्रोडयूसर ही नहीं बल्कि फ़िल्मी दुनिया के हर शोबा से ताल्लुक़ रखने वाले (जिन्हें एवार्ड के ज़ुमरे में शामिल किया गया हो ) इस बात के ख़ाहिशमंद होते हैं कि उन्हें क़ौमी एवार्ड मिल जाये क्योंकि इस तरह उन की सलाहीयतों की सरकारी तौर पर परख हो जाती है और उन्हें उनके मज़कूरा ज़ुमरे में क़ाबिल तरीन शख़्सियत तस्लीम कर लिया जाता है ।