नॉन बैंकिंग कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी

पटना 2 जुलाई : रियासत हुकूमत अवाम से अरबों रुपये की ठगी करने वाली नॉन बैंकिंग कंपनियों पर नकेल कसने की तैयारी शुरू कर दी है। इसके लिए 2002 से मकबूल बिहार जमाकर्ता मुफाद तहफ्फुज़ एक्ट 2002 में तरमीम किया जायेगा। इसके लिए अभी अवाम से ताज़विज मांगा गया है। इसके अलावा दीगर अदारों से भी राय मांगी गयी है। रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने भी हुकूमत को यकीन दिया है कि उसकी तरफ से मौसिर कानून बनाया जा रहा है।

पांच अरब से ज्यादा की रकम ऊगाही किये जाने के मामले के रौशनी में आने के बाद से हुकूमत के सतह पर तीन बैठक हो चुकी है। तमाम जिला अफसरों को हिदायत दिया गया है कि अगर कोई भी नॉन बैंकिंग कंपनी उनकी इजाजत के बगैर जिला में कारोबार करती है तो उसके खिलाफ मौसिर कार्रवाई करें। उनके दफ्तर में छापामारी कर उसे सील करें।

इधर खजाना महकमा के प्रिंसिपल सेक्रेटरी की सदारत में एक आला सतही बैठक हुई है। उसमें नॉन बैंकिंग कंपनियों पर पैनी नजर रखने का फैसला लिया ही गया है साथ में इमदाद बहमी महकमा को भी हिदायत दिया गया है कि उनके यहां निबंधित सहकारी तावुन कमेटियां हैं उनका खुसूसी ऑडिट कराये।

हालांकि को ऑपरेटिव महकमा के अफसरों ने बैठक में बताया कि कई कंपनियों का ऑडिट कराया गया है। दी सेंट्रल बैंक ऑफ इंडिया मुलाज्मिन तावुन कमेटी समेत दीगर कमेटियां का खुसूसी ऑडिट कराया जा रहा है। ऑडिट रिपोर्ट मिलने के बाद उन पर कार्रवाई की जायेगी।