नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री पहुंचे कश्मीर, बढ़ा विवाद

नई दिल्ली। नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री कश्मीर का दौरा किया है और इस दौरान उन्होंने हुर्रियत के नेताओं से भी मुलाकात की है। नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री के इस दौरे पर विवाद खड़ा हो गया है। जम्मू कश्मीर के पूर्व मुख्यमंत्री उमर अब्दुल्ला ने सवाल खड़ा किया है। नॉर्वे के पूर्व प्रधानमंत्री मैग्ने बोंडेविक को श्री श्री रविशंकर की संस्था द्वारा आमंत्रित किया गया था। बोंडेविक ने कश्मीर में हुर्रियत के नेता मीरवाइज उमर फारुक और सैयद अली शाह गिलानी से पिछले हफ्ते मुलाकात की है। वह मौजूदा समय में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर में हैं और यहां उन्होंने पाकिस्तान के राष्ट्रपति मसूद खान से मुजफ्फराबाद में मुलाकात की है।

आपको बता दें कि नॉर्वे का इतिहास हमेशा से ही विवादित प्रस्तान वाला रहा है और इसमे बोंडेविक की भूमिका काफी अहम रही है। इससे पहले श्रीलंका के तमिल टाइगर्स के साथ भी कुछ साल पहले बोंडविक ने मुलाकात की थी। आपको बता दें कि भारत कश्मीर के मुद्दे को दो देशों के बीच का मुद्दा मानता है, पिछले पांच साल से अधिक के समय में भारत ने किसी भी दूसरे देश को इस मामले में हस्तक्षेप नहीं करने दिया और ना ही यहां का दौरान करने दिया है। किसी भी तीसरे पक्ष को अलगाववादी नेताओं से भी नहीं मिलने दिया है। उमर ने खड़ा किया सवाल बोंडेविक ने भारत और पाकिस्तान दोनों ही जगह कश्मीर का दौरा किया है। सूत्रों की मानें तो विदेश मंत्रालय और नॉर्वे का दूतावास इस पूरी मुलाकात में शामिल नहीं है। इस मुलाकात पर सवाल खड़ा करते हुए उमर अब्दुल्ला ने कहा कि नॉर्वे के लोग कश्मीर में क्या कर रहे हैं। क्या इस बारे में सुषमा स्वराज और अजीत डोवाल कुछ कहेंगे और बताएंगे कि इस मुलाकात की वजह क्या है, या फिर हमे अफवाहों पर ही भरोसा करना पड़ेगा। मदद का दिया भरोसा 23 नवंबर को मीरवाइज उमर फारुक ने ट्वीट करके इस मुलाकात की तस्वीरों को साझा किया था और कहा था कि हमने बोंडेविक से गुजारिश की है कि वह इस विवाद को सुलझाने के लिए हमारी मदद करें। हुर्रियत की ओर से बयान जारी करके कहा गया है कि बोंडिक ने हमे भरोसा दिलाया है कि वह भारत-पाकिस्तान के बीच बातचीत के जरिए कुछ बेहतर समाधान निकालने में मदद करेंगे।