नोएडा पुलिस के नोटिस के बाद सामने आया वीडियो, दक्षिणपंथी संगठन ने मुस्लिमों से पूछा- यहां मस्जिद बनाओगे?

नोएडा पुलिस की ओर से निजी कंपनियों को एक पार्क में अपने कर्मचारियों को शुक्रवार की नमाज अदा करने से रोकने के लिए कहने के नोटिस जारी करने के बाद अब एक

वीडियो में देखा जा सकता है कि दक्षिणपंथी संगठन का एक युवक मुस्लिम नमाजियों से पूछा रहा है कि ‘क्या वे बिहार के किशनपढ़ से यहां मस्जिद बनाने आए हैं.’ जब एक मुस्लिम ने बताया कि वे यहां केवल नमाज पढ़ते हैं तो उसने आरोप लगाया कि वह यहां पर परेशानी पैदा कर रहे हैं. हालांकि, उन्होंने कहा कि वे पार्क में केवल शुक्रवार को नमाज पढ़ते हैं, तब भी वह युवक नहीं माना. कार्यकर्ता अपने आपको मनोज शर्मा नाम का स्थानीय बता रहा है. हालांकि, जब प्रशासन और पुलिस से इस वीडियो के बारे में सवाल पूछा गया तो उन्होंने इस पर कोई भी टिप्पणी करने से मना कर दिया.

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बता दें, नोएडा सेक्टर 58 पुलिस थाना के प्रभारी पंकज राय ने इस महीने की शुरूआत में 23 निजी कंपनियों को नोटिस भेज कर उनसे अपने मुस्लिम कर्मचारियों को एक स्थानीय पार्क में शुक्रवार की नमाज अदा करने से रोकने को कहा था. उन्होंने इसके लिए 2009 के सुप्रीम कोर्ट के एक आदेश का जिक्र किया था जो सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक जमावड़े को निषिद्ध करता है. नोएडा प्रशासन ने मंगलवार को कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर अनधिकृत धार्मिक जमावड़े की इजाजत नहीं होगी.

इस बीच, ग्रेटर नोएडा में सरकारी भूमि पर होने जा रही श्रीमद्भागवत कथा को बुधवार को रोक दिया गया क्योंकि अधिकारियों ने पाया कि इसके लिए समुचित अनुमति नहीं ली गयी थी. अधिकारियों ने कहा कि ग्रेटर नोएडा के आवासीय सेक्टर 37 में नौ दिवसीय श्रीमद्भागवत कथा का शुभारंभ बुधवार को होना था. ग्रेटर नोएडा औद्योगिक विकास प्राधिकरण के अधिकारियों ने बुधवार सुबह एक भूखण्ड से तम्बू, मंच और लाउडस्पीकर हटवा दिये जिसका इसके आयोजकों ने विरोध किया. यह भूखंड प्राधिकरण का है.

सार्वजनिक स्थानों पर धार्मिक गतिविधि की इजाजत नहीं: नोएडा प्रशासन 
नोएडा प्रशासन ने कहा कि सार्वजनिक स्थानों पर ‘अनाधिकृत’ धार्मिक जमावड़े की अनुमति नहीं दी जाएगी. उच्चतम न्यायालय के 2009 के एक आदेश का हवाला देते हुए अधकारियों ने कहा कि सभी धर्मों की धार्मिक गतिविधियों के लिए सार्वजनिक स्थानों के अनाधिकृत इस्तेमाल पर स्पष्ट प्रतिबंध है. जिला मजिस्ट्रेट ब्रजेश नारायण सिंह और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक अजय पाल शर्मा ने मंगलवार को कहा था कि संबंधित पुलिस अधिकारी बस अपनी जिम्मेदारी का पालन कर रहे हैं. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि कोई भी कंपनी अपने कर्मचारियों की व्यक्तिगत गतिविधियों के लिए जिम्मेदार नहीं होगी, जैसा कि पुलिस के नोटिस में कहा गया है.

सिंह ने कहा, ‘हम पुनः पुष्टि करते हैं कि उच्चतम न्यायालय के 2009 के आदेश को अक्षरश: लागू किया जाएगा और हर किसी से अनुरोध करते हैं कि सार्वजनिक स्थान पर किसी तरह की भी ऐसी गतिविधि या नयी गतिविधि करनी हो तो सबसे पहले प्रशासन की अनुमति लेनी होगी अन्यथा यह अवैध होगी.’