नोकिया स्मार्ट फ़ोन्स मार्किट मे फिर से वापिसी कर रहा है। नोकिया के मैनेजर्स ने माइक्रोसॉफ्ट से हैंडसेट का लाइसेंस और गूगल और फोन निर्माता फॉक्सकॉनन के साथ साझेदारी कर ली है।
नोकिया दुनिया का प्रमुख सेलफोन निर्माता था, लेकिन स्मार्टफोन्स के बाजार मे आने के बाद वे टेक्नोलॉजी को मैच नहीं कर पाए और पीछे रह गए। उन्होंने फिर अपने ‘लूमिया’ सिरीज़ के लिए माइक्रोसॉफ्ट के अलोकप्रिय विंडोज ऑपरेटिंग सिस्टम को चुना जिसके बाद के स्मार्टफोन के बाजार से बाहर हो गए ।
नोकिया ने 2014 में अपने हैंडसेट्स का बिज़नेस माइक्रोसॉफ्ट को बेच दिया और इसके साथ उन्होंने स्मार्टफोन का बाजार भी छोड़ दिया । मॅक्रोसॉफ्ट ने लुमिया के फ़ोन अपने नाम से बेचने जारी रखे पर इस साल यहबिज़नेस भी पूरी तरह से ख़तम हो गया है ।
एचमडी ग्लोबल, नोकिया दिग्गज आर्तो नुम्मल के नेतृत्व में अगले साल के शुरुआती हिस्से में गूगल के एंड्रॉयड ऑपरेटिंग सिस्टम का उपयोग कर रहे अपने पहले नोकिया स्मार्टफोन को लांच करना चाहता है।
नुम्मल ने एक इन्टरव्यू में कहा कि”उपभोक्ता अब अलग-अलग स्मार्टफोन्स का इस्तेमाल करते हैं पर क्या वे उस ब्रांड से प्यार करते हैं और क्या वह उसके प्रति वास्तव मे वफादार हैं ? नोकिया ब्रांड भारत एशिया, और पूर्वी यूरोप में अपने सस्ते फोन के लिए जाना जाता है | हालांकि हाल के कुछ सालों में माइक्रोसॉफ्ट ने इस बाजार मे काफी कम निवेश किया है । समर्टफोन्स, एक साधारण फ़ोन के मुकाबले 10 से 30 गुना ज़्यादा महंगे होते हैं लेकिन इन्हें बेच कर मुशिकल से $ 20 ही मिलते हैं ।
वुड ने कहा कि “एंड्रॉयड फोन के बाजार मे प्रवेश के लिए कम मुश्किलें हैं । ” एचमडी के पास नोकिया ब्रांड और प्रबंधन का अनुभव है। इसी पर उसकी कामयाबी निर्भर करेगी।”सीईओ नुम्मल, जो नोकिया की बिक्री और उत्पाद के विकास के लिए जिम्मेदार थे उनमे महत्वाकांक्षा की कमी नहीं है।उन्होंने रायटर को बताया कि “हम स्मार्टफोन के कारोबार में प्रमुख प्रतिस्पर्धी खिलाड़ियों में से एक होना चाहते हैं,।