लखनऊ: नोटबंदी का प्रभाव यूं तो देश के सभी वर्गों के लोगों और जीवन के हर हिस्से पर हुए हैं, लेकिन इसका भारी प्रभाव से इन मदरसों के अस्तित्व पर ही सवालिया निशान लग गया है, जो ज़कात, खैरात और आम लोगों के चन्दे से चलते हैं।
न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार अग्रणी संगठन इत्तेहादुल मदारिस के सर्वे पर अगर यकीन किया जाए तो लखनऊ में तीन और शहर के निकट क्षेत्रों में अब तक 12 मदरसे ऐसे हैं, जो नोटबंदी से बुरी तरह प्रभावित होकर लगभग बंद होने की स्थिति में हैं।
हालांकि समय के साथ साथ बैंकों की कतारें भी कम हुई हैं और जीवन भी धीरे-धीरे सामान्य आती दिख रही है। लेकिन बहुत सारे मदरसे और मकतब अभी भी अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।
मदारिसे इस्लामिया से जुड़े लोग इस स्थिति से दुखी भी हैं और खेद व्यक्त भी कर रहे हैं। कुछ लोगों के हौसले जवाब दे चुके हैं जबकि कुछ लोग संघर्ष करके उनके मकतबों और मदरसों को बचाने की कोशिश भी कर रहे हैं।
संगठन इत्तेहादुल मदारिस के अध्यक्ष और इत्तेहादुल मॉडल स्कूल के प्रबंधक ने नोटबंदी कदम पर ही सवाल खड़ा करते हुए इसे एक संगठित साजिश करार दिया है।