हैदराबाद : आंध्र प्रदेश के मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू जो पहले केंद्र सरकार के नोटबंदी के फैसले का पुरजोर समर्थन कर रहे थे उन्होंने अब इस पर गहरी चिंता जताई है | उन्होंने कहा कि कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा लिए गए फैसले के बाद पैदा हुई कैश की किल्लत खत्म होती नहीं दिख रही वह इस बात से बहुत परेशान हैं |
एनडीटीवी रिपोर्ट के मुताबिक़ उन्होंने सोमवार को विजयवाड़ा में पार्टी के एक कार्यक्रम में अपनी तेलुगु देशम पार्टी (टीडीपी) के विधायकों और सांसदों से बातचीत में कहा कि हमारी मर्ज़ी के बगैर नोटबंदी जैसा क़दम उठाया गया | उन्होंने कहा हमारी नोटबंदी के 40 दिन ओ चुके हैं लेकिन पूरी कोशिश के बाद भी अभी भी कई परेशानियाँ है और उनका कोई हल नजर नहीं आ रहा|
नायडू ने कहा कि जरूरत की चीजें खरीदने के लिए पूरे देश में लोग नई करंसी के लिए जूझ रहे हैं मगर बैंकों और एटीएम के खाली रहने से ऐसा नहीं कर पा रहे| उन्होंने कहा, ”नोटबंदी से पैदा हुई मुश्किलें निपटाने के लिए मैं रोज दो घंटे देता हूं। मैं रोज अपना सिर खपा रहा हूं मगर इस समस्या का कोई हल नहीं मिल रहा।” उन्होंने अगस्त, 1984 में राज्य के राजनैतिक संकट से नकदी संकट की तुलना की , जहां तत्कालीन मुख्यमंत्री एनटी रामाराव (नायडू के ससुर) के खिलाफ पार्टी के भीतर तख्तापलट किया गया था| उन्होंने कहा इस मामले में 40 दिन बाद भी, समस्या बनी हुई है जबकि वह संकट 30 दिन के भीतर सुलझा लिया गया था |
पीएम मोदी के नोटबंदी के ऐलान के बाद नायडू ने इस कदम का क्रेडिट लिया था | उन्होंने ट्वीट करके भी कहा था कि नोटबंदी ‘टीडीपी की नैतिक जीत’ है |उन्होंने कहा था कि वह लगातार प्रधानमंत्री से भ्रष्टाचार खत्म करने के लिए हाई वैल्यू करंसी बंद करने की वकालत कर रहे थे | नायडू को हाल ही में उन्हें मुख्यमंत्रियों की एक कमेटी का प्रमुख भी बनाया गया था जिसका काम कैशलेस इकॉनमी का रोडमैप तैयार करना है|