नोटबंदी के परिणामों पर जारी किया जाए श्वेत पत्र: केजरीवाल

प्रेस विज्ञप्ति, नई दिल्ली: नए साल की पहली तारीख को दिल्ली के मुख्यमंत्री और आम आदमी पार्टी के राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल ने देश को नववर्ष की शुभकामनाएं दी और कहा कि ईश्वर से प्रार्थना करता हूं कि देशवासियों की परेशानियां जल्द ख़त्म हों और जनता सामान्य जीवन जी सके।

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“देश के प्रधानमंत्री जी ने कल देश को सम्बोधित किया लेकिन उनका भाषण सुनकर बहुत निराशा हुई। निराशा इसलिए कि प्रधानमंत्री जी ने देश को यह नहीं बताया कि ‘देश की परेशानियां कब दूर होंगी? प्रधानमंत्री जी ने यह नहीं बताया कि लोग पहले कि तरह पैसे कब निकलवा पाएंगे? प्रधानमंत्री जी ने यह नहीं बताया कि देश को नोटबंदी से क्या फ़ायदा हुआ? ”

नोटबंदी की वजह से देश में सौ से ज़्यादा लोगों की जान गई, करोड़ों लोगों के काम-धंधे ठप्प हो गए, करोड़ों लोगों की नौकरियां चली गईं लेकिन मोदी जी ने इस पर एक शब्द नहीं बोला । देश में आज अफ़रातफ़री का माहौल है लेकिन मोदी जी उसके समाधान के बारे में एक शब्द नहीं बोल रहे हैं। उसका कारण यह है कि मोदी जी ने देश में 8 लाख करोड़ रूपए का घोटाला सिर्फ़ अपने उद्योगपति दोस्तों को फ़ायदा पहुंचाने के लिए किया था ना कि देश की बेहतरी के लिए।

नोटबंदी के बाद ना भ्रष्टाचार ख़त्म हुआ, ना आतंकवाद ख़त्म हुआ, ना नकली नोट ख़त्म हुआ । आज पहले के मुकाबले ज़्यादा भ्रष्टाचार हो रहा है, पहले 30 प्रतिशत पर नोट बदले जा रहे थे अब 20 प्रतिशत और अब 10 प्रतिशत पर नोट बदले जा रहे हैं। आज आतंकवादियों के पास दो हज़ार के नोट मिल रहे हैं। इस आर्थिक अफ़रातफ़री में सारा नकली नोट सिस्टम में खपा दिया गया। कुछ नहीं बदला सिवाए मोदी जी के दोस्तों के नोटों के।

नोटबंदी से पहले अमित शाह ने अपना सारा पैसा देशभर में ज़मीनें ख़रीद कर लगा दिया। मोदी जी और अमित शाह जी ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं के और अपने दोस्तों के सारे काले-धन को सफ़ेद करा दिया। अब प्रश्न यह पैदा होता है कि मोदी जी ने यह सारा खेल क्या पैसे खाकर किया। जी हां मोदी जी पैसे खाते हैं और इसका सुबूत हम लगातार देश के सामने रख रहे हैं। बिरला-सहारा से कुल 65 करोड़ रूपए खाए। यह तो वो काग़ज़ हैं जो सामने आए हैं। मोदी जी ने उस विजय माल्या को देश से भगा दिया जिसने देश की बैंकों का 9 हज़ार करोड़ रूपए खा लिया। उस माल्या को मोदी जी ने नोटबंदी के बाद 1200 करोड़ रूपए माफ़ कर दिए और कुल 63 लोगों के 6000 करोड़ रूपए माफ़ कर दिए । ऐसे ही उद्योगपतियों के अब कुल 8 लाख करोड़ रूपए माफ़ कराने जा रहे हैं मोदी जी। देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी पैसे खाते हैं और यह बात सच है लेकिन मोदी जी उसकी जांच कराने के लिए तैयार नहीं हैं।

नोटबंदी की वजह से देश को कितना नुकसान हुआ, नोटबंदी की वजह से देश की अर्थव्यवस्था पर क्या प्रभाव पड़ा है इसको लेकर एक श्वेत पत्र जारी होना चाहिए। देश की जनता को पता लगना चाहिए कि आख़िर नोटबंदी की वजह से जनता को क्या मिला और देश को क्या मिला। क्योंकि 50 दिन में तो हालात नहीं बदले हैं और निकट भविष्य में बदलने के आसार भी नज़र नहीं आ रहे हैं।