नोटबंदी के फैसले पर पूर्व गवर्नर विमल जालान ने उठाए सवाल

नई दिल्ली: रिजर्व बैंक इंडिया के पूर्व गवर्नर विमल जालान ने नोटबंदी के समय  और तौर-तरीको पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा है कि जब आप किसी भी लीगल टेंडर को बंद करते हैं तो उसके पीछे कोई सही कारण होना चाहिए। लोगों के बीच यह संदेश जाना भी जरूरी है कि नोटबंदी से क्या मिलेगा और उसे क्यों किया जा रहा है।

इसके साथ-साथ ही जालान ने नोटबंदी के प्लान को बहुत दिन तक गुप्त रखने पर भी सवाल उठाए है। अटलबिहारी वाजपेयी के शासनकाल साल 1997 से 2003 तक गवर्नर रहे जलान ने कहा कि आपातकाल की स्थित में ऐसा किया जा सकता था। उन्होंने कहा कि नोटबंदी को सर्जिकल स्ट्राइक की तरह छिपाकर करने की जरूरत ही नहीं थी।

जालान ने कहा कि कालेधन को हमारे देश की वित्तीय प्रणाली में शामिल नहीं होना चाहिए पर मुझे यह भी लगता है कि सबके पास कालाधन नहीं है। जालान के मुताबिक, नोटबंदी के प्लान को इस तरह से बनाया जाना चाहिए था जिससे कालाधन न रखने वाले कम-से-कम प्रभावित हों। गौरतलब है कि नरेंद्र मोदी सरकार ने आठ नवंबर को नोटबंदी का यकायक ऐलान किया था। इसके बाद देश के कई इलाकों में करेंसी का भारी किल्लत चल रही है और लोगों को पैसे नहीं मिल पा रहे है।