देश के वरिष्ठ नेता शरद यादव ने नोटबंदी के प्रतिकूल प्रभावों का उल्लेख करते हुए कहा कि सरकार के इस कदम से देश की अर्थव्यवस्था की कमर टूट गयी है।
पार्टी के फैसले के खिलाफ बोलने के कारण उनकी राज्यसभा सदस्यता पर पड़ने वाले प्रभाव के बारे में पूछने पर उन्होंने कहा, मेरा लिबरेशन हो गया है। अब यह सब उन्हें तय करना है। उन्होंने कहा कि साझा विरासत के तहत एक ही मकसद है कि इस देश कि विविधतापूर्ण संस्कृति की रक्षा की जाए।
शरद यादव ने कहा हमने पहले भी लोकसभा सदस्यता से इस्तीफा दिया था। उन्होंने कहा, ‘मेरी राष्ट्रीय राजनीति में भूमिका है। एक प्रश्न के जवाब में उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की ओर संकेत करते हुए कहा, सूबे का मुख्यमंत्री बनाने में हमने काफी मदद की थी। साथ ही यह बात भी है कि उन्होंने भी हमारी कई बार मदद की।