नोटबंदी के बाद निजी बैंकों ने लोन लेने वाले गरीब परिवारों पर कसा शिकंजा

बरेली। केंद्र सरकार ने भले ही जनता की सुविधाओं के लिए बैंकों के लिए गाइड लाइन जारी कर दी है लेकिन निजी बैंकों ने लोन लेने वालों पर शिकंजा कसना शुरू कर दिया है। निजी बैंकों ने अपने कर्ज़दारों से पैसे वापस करने के लिए दरवाजे पर दस्तक देना शुरू कर दिया है, जिनसे एक निजी बैंकों के क़र्ज़दार खासे परेशान हैं। कुछ देनदार महिलाओं ने बरेली के डीएम से इसकी शिकायत की है।

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न्यूज़ नेटवर्क समूह प्रदेश 18 के अनुसार बरेली जिला कलेक्टर के कक्ष में पहुंचकर बताया कि उन सभी महिलाओं ने अपनी घरेलू जरूरतों के तहत निजी बैंकों से कर्ज लिया था। नोटबंदी की घोषणा के बाद बैंकों को डर सताने लगा है कि कहीं उनकी लोन की राशि डूब न जाए। इसके चलते बैंकों ने अपने कर्ज़दारों के घरों पर दस्तक देकर जबरन लोन की राशि का भुगतान करने का दबाव बनाना शुरू कर दिया है। आम महिलाओं को डबल परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। पहली बात तो यह है कि बैंक में जमा राशि निकालने के लिए जो मशक्कत करनी पड़ रही है, वह किसी से छिपा नहीं है। दूसरी बात यह कि दो वक्त की रोटी का इंतज़ाम करने में व्यस्त महिलाओं के सामने सवाल यह है कि वह लोन की राशि का एक मुश्त प्रबंधन कहां से करें। उनकी पैरवी में उतरी एक महिला वकील ने इसकी शिकायत बरेली डीएम से की है।
बरेली डीएम कार्यालय में इस मामले की शिकायत दर्ज कर ली गई है और इसकी जांच कराने का आश्वासन भी दिया गया है। शहर के मुस्लिम इलाकों की रहने वाली करीब छह सौ महिलायें प्राइवेट बैंकों से लोन लेकर परेशान हैं। इन महिलाओं के पति और बेटे अन्य शहरों में मेहनत-मजदूरी का काम करके घर की देखरेख कर रहे हैं।