दिल्ली यूनिवर्सिटी: श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स पहले और लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वीमेन दूसरे स्थान पर, सेंट स्टीफेन कॉलेज की रैंकिंग गिरी

नेशनल अक्रेडिटेशन एंड असेसमेंट कॉउंसिल द्वारा लगभग दिल्ली यूनिवर्सिटी के 30 कॉलेजों को उनकी गुणवत्ता को देखते हुए अनिवार्य अंक दिए। जिसके कारण कुछ संस्थानों के नाम, प्रिसिद्धि में गिरावट आई है। डीयू का सबसे श्रेष्ठ कॉलेज सेंट स्टीफन सूची में 12वें अंक पर पहुंच गया है। वहीं दूसरा प्रसिद्द कॉलेज श्री वेंकटस्वार सूची में 14वीं श्रेणी में रखा गया है।

वहीँ श्री राम कॉलेज ऑफ़ कॉमर्स ने सबसे ज़्यादा अंक 3.65 प्राप्त करते हुए 35 कॉलेजों में खुद को सर्वश्रेष्ठ श्रेणी में रखवा पाने में समर्थ हुआ है। उसके बाद 3.61 अंक के साथ लेडी श्री राम कॉलेज फॉर वीमेन दूसरे स्थान पर रहा। जबकि सेंट स्टीफेन 3.21 अंक प्राप्त करके हिन्दू, किरोड़ी मल, खालसा, आईपी, गार्गी, जिस एंड मेरी और आचार्य नंददेव जैसे कुछ कॉलेजों से पीछे रह गया है।

नैक यूजीसी की एक स्वतंत्र बॉडी के रूप में कार्यरत है और कॉलेजों को पाठयक्रम, अध्यापन, ज्ञान, मूल्यांकन, फैकल्टी, शोध, आधारभूत संरचना, अध्ययन संसाधन, संचालन और छात्र सर्विस इत्यादि के आधार पर मापदंड करते हुए प्रमाणिक हैसियत प्रदान करती है। 2012 में यूजीसी ने नैक प्रमाणिकता की प्रक्रिया का आरम्भ करते हुए सभी कॉलेजों के लिए अनिवार्य कर दिया था।

डीयू ने इस प्रक्रिया को 2014 में स्वीकार किया और यह पहला साल है जब अनेक कॉलेजों ने नैक के अंक प्राप्त किये। हालाँकि जहां इस प्रमाणिकता प्रक्रिया का कुछ कॉलेजों ने स्वागत किया वही कुछ कॉलेजों ने इसकी आंकलन कसौटी पर ऐतराज भी जताया। इंद्रप्रस्थ कॉलेज की प्रिंसिपल बबली सराफ़ का कहना है की सभी कॉलेजों का आंकलन करने के लिए एक ही पैमाना नहीं होना चाहिए।आर्ट्स कॉलेजों को मापने का एक ही पैमाना नहीं होना चाहिए जहां आर्ट्स कॉलेजों में लैब इत्यादि की कोई सुविधा नहीं होती वहीं इन कॉलेजों में शोध इत्यादि भी नहीं होते हैं।