त्रिवंतपुरम: नोटबंदी के मोदी सरकार के फैसले ने राजनीति के गलियारे में वबाल खड़ा कर दिया है नोटबंदी की जनता के साथ साथ राजनेता भी विरोध कर रहे हैं, इस बीच एक बड़ी खबर केरल से आ रही है जहां नोटबंदी के फैसले का विरोध करते हुए राज्य में संघ परिवार से जुड़े एक बड़े कार्यकर्ता पी पद्मकुमार ने संघ से चार दशक पुराना नाता तोड़ कर सीपीएम का दामन थाम लिया है।
जनसत्ता की खबरों के मुताबिक पिछले दिनों हुई हिंसक घटनाओं और बीजेपी और संघ के ‘अमानवीय स्टैंड’ को लेकर उन्होंने मार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी (सीपीएम) से जुड़ने का मन बना लिया। आखिरकार उन्होंने रविवार को पार्टी का दामन औपचारिक रूप से थाम लिया। केरल में संघ परिवार और कम्यूनिस्टों के हिंसक संघर्ष किसी से छुपा नहीं है। पी पद्मकुमार संघ के संगठन हिंदू एक्या वेदी में बतौर सचिव काम कर रहे थे।
रिपोर्ट्स के अनुसारमार्क्सवादी कम्यूनिस्ट पार्टी के जिला सचिव के साथ मीडिया से बात करते हुए उन्होंने कहा कि,” बीजेपी और संघ के इस अमानवीय स्टैंड के चलते कितने परिवार अनाथ हो गए। संघ के राजनितिक हिंसा को लेकर अमानवीय रवैए और 1000 और 500 रुपए के नोट बंदी के फैसले के विरोध में मैंने संघ परिवार से बाहर आने का निर्णय लिया।
आपको बता दें कि केरल में संघ और कम्यूनिस्ट दलों में एक दूसरे के कार्यकर्ता तोड़ने का ये पहला मामला नहीं है। दोनों संगठनों में तनातनी सालों से बनी हुई है