दूतावासों ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से इस मामले में दखल देने की अपील की है। 157 देशों के दूतावासों का प्रतिनिधित्व करने वाले संगठन डिप्लोमैटिक कोर के डीन फ्रैंक हैंस डेनेनबर्ग कास्टेलानोस ने कहा कि हम खुद के बैंक खाते से अपने पैसे नहीं निकाल सकते। एक सप्ताह में 50,000 हजार रुपये की निकासी सीमित करने को खत्म करना चाहिए।
कास्टेलानोस डोमिनिक रिपब्लिक के राजदूत हैं। उन्होंने कहा कि भारत के नकद निकासी सीमित करने के फैसले से विचलित कई देश अपने देश में भारतीय दूतावासों के लिए ऐसे ही कदम लागू करने पर विचार कर रहे हैं। उन्होंने उम्मीद जताई की कि भारत सरकार जल्द ही इसका हल निकाल लेगी और अन्य देश की सरकारों को ऐसे कदम उठाने की जरूरत नहीं पड़ेगी।
उन्होंने कहा कि हमने विदेश मंत्री सुषमा स्वराज और चीफ ऑफ प्रोटोकॉल को भी इस संबंध में पत्र लिखकर चिंता जताई है। उन्होंने कहा कि अब यह मामला प्रधानमंत्री के पास है और उन्हें इसका हल निकालने के लिए हस्तक्षेप करना चाहिए।
इससे पहले रूस, यूक्रेन, कजाखिस्तान और अन्य कई देशों ने इस मामले को लेकर सरकार से संपर्क किया है। रूस के राजदूत अलेक्जेंडर कदाकिन सरकार को पत्र लिखकर नकद निकासी सीमित करने पर कड़ा विरोध दर्ज करा चुके हैं।