नई दिल्ली: “मैं कोर्ट से किस तरह की यादें लेकर जाऊंगा, ” नोटबंदी पर सुनवाई के दौरान एक दुसरे पर चिल्ला रहे वकीलों को देख कर मुख्य न्यायाधीश टी एस ठाकुर ने कहा, जो अगले महीने की शुरुआत में रिटायर हो रहे हैं।
टाइम्स ऑफ़ इंडिया की खबर के मुताबिक बेहद दुखी दिख रहे न्यायधीश ने अपनी नाराज़गी को ज़ाहिर करते हुए कहा कि उन्होंने अपने 23 साल बतौर जज कार्यकाल में कभी ऐसा नहीं देखा कि जूनियर वकील सीनियर वकील के ऊपर चिल्ला रहे हों, उन्हें नीचा दिखाने की कोशिश कर रहे हों और कोर्ट के वातावरण को बिलकुल मछली बाज़ार जैसा बना रहे हों।
न्यायाधीश ठाकुर उस वक़्त बेहद नाराज़ हुए जब कुछ जूनियर वकील ने अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी और अन्य सीनियर वकील जैसे कपिल सिब्बल और पी चिदंबरम की दलीलों को बाधित करने की कोशिश की।
“यह बहस का तरीका नहीं है। आप लोग इसे मछली बाज़ार बना रहे हैं। आप लोग कपिल सिब्बल जैसे सीनियर वकील को बोलने नहीं देना चाहते। श्री चिदंबरम अभी खड़े भी नहीं हुए हैं। यह बेहद दुर्भाग्यपूर्ण है।”
“बतौर जज, 23 सालों में ऐसा व्यवहार मैंने कभी नहीं देखा। यह एक जज की तरह मेरा आख़िरी हफ्ता है और मैं बेहद बोझिल दिल के साथ जाऊँगा। किस प्रकार की मर्यादा है यहाँ? यह मुख्य न्यायधीश का कोर्ट है और यहाँ कोई मर्यादा नज़र नहीं आ रही। ऐसे व्यवहार की अनुमति नहीं है, ” 3 जनवरी को रिटायर हो रहे मुख्य न्यायधीश ने कहा।