नई दिल्ली: अपने शासन काल में ‘स्वैच्छिक योजना’ लागू करने वाले पूर्व प्रधानमंत्री एचडी देवगौड़ा ने हाल ही में दिए एक भाषण में कहा था कि मोदी नोटबंदी के फैसले को अव्यवस्थित तरीके से लागू किया. जिसके कारण लोगों को अकल्पनीय परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है.
नेशनल दस्तक के अनुसार, एचडी देवगौड़ा ने कहा हम काले धन के खिलाफ किए गए प्रयासों के खिलाफ नहीं हैं लेकिन प्रधानमंत्री मोदी ने बिना किसी तैयारी के नोटबंदी की घोषणा कर दी तथा अव्यवस्थित तरीके से लागू भी कर दिया.
उन्होंने पीएम मोदी के नोटबंदी की तुलना पूर्व पीएम इंदिरा गांधी के आपातकाल से करने के सवाल पर कहा कि जब देश के बैंकों को राष्ट्रीयकरण कर प्रिवी पर्स समाप्त कर दिया गया था तब लोगों ने सोचा था कि देश की प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी द्वारा उठाए गए इस बड़े कदम से गरीबों को लाभ होगा और देश में बेरोजगारी की समस्या का समाधान होगा. उसके बाद 1971 के हुए आम चुनावों में देश की जनता ने कांग्रेस पार्टी को भर-भरकर वोट दिया और दो-तिहाई बहुमत से देश की सत्ता पर काबिज करा दिया. लगभग तीन साल तक इंदिरा गांधी की लोकप्रियता चरम पर थी लेकिन इसके बाद जब उन्होंने एक जनसभा में खपत पर अंकुश लगाने की बात कही थी तो लोगों ने उनके खिलाफ नारे लगाने शुरु कर दिए थे, यहां तक कि उस रैली से उन्हें निकालने के लिए पुलिस बल का प्रयोग करना पड़ा था.
साथ ही उन्होंने कहा कि मुझे नहीं पता प्रधानमंत्री मोदी का भारत को कैशलेस समाज बनाने सपना पूरा होगा या नहीं. लेकिन मैं इतना जरुर कह सकता हूं कि मोदी की नोटबंदी का फैसला अगर सफल नहीं हुआ तो वह बरबाद हो जाएगा.
भारतीय अर्थव्यवस्था पर नोटबंदी के प्रभाव के बाबत सवाल पूछने पर कहा कि जीडीपी पर इसका बुरा प्रभाव पड़ेगा और जीडीपी काफी समय के लिए नीचे चली जाएगी. यही नहीं रुपया दिनोदिन कमजोर होता जाएगा. गरीबों की समस्याएं बढ़ती जाएंगी, बेरोजगारी बढ़ेगी. प्राइवेट सेक्टर में काम करने वाले लोगों की नौकरी ख़त्म होने का खतरा पैदा हो जाएगा.