नई दिल्ली: नोटबंदी की मार झेल रहे विदेशी राजनयिक अपने देश में सरकारों को भारतीय दूतावासों के लिए भी बैंक से कैश निकालने पर लिमिट लगाने का सुझाव भी दिया है. पाकिस्तान उच्चायोग को नोटबंदी की वजह से हुई मुश्किलों का हल निकालने के बाद अब भारत में मौजूद बहुत से अन्य दूतावासों ने भी बैंकिंग विद्ड्रॉल लिमिट को लेकर नाराजगी जताई है.
नेशनल दस्तक ने ईटी के के हवाले से खबर दी है कि रूस, कजाकिस्तान, यूक्रेन, इथियोपिया औऱ सूडान के दूतावासों ने अपने बैंक अकाउंट्स से विदड्रॉल लिमिट के कारण हो रही परेशानी को लेकर एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री को कड़े शब्दों में पत्र लिखे हैं. कुछ अन्य दूतावास भी ऐसा कर सकते हैं.
पाकिस्तान ने इस बारे में इसे लेकर केंद्र सरकार से नाराजगी जताई थी और चेतावनी दी थी कि पाकिस्तान में भारतीय उच्चायोग के स्टाफ की सैलरी पर भी असर पड़ सकता है. वहीं रूसी एंबेसडर ने विदेश मंत्रालय को लिखी चिट्ठी में धमकी दी है कि अगर एसबीआई का यह ऑर्डर मास्को में आता है तो 50 हजार रूबल एक रेस्टोरेंट में डिनर के लिए भी पर्याप्त नहीं होंगे हमारे जैसे बड़े दूतावास के खर्च की बात तो भूल ही जाइये.
कजाकिस्तान के दूतावास ने पिछले सप्ताह अपना नेशनल डे मनाया था और कैश की कमी की वजह से उसे इंतजाम करने में काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा. सरकारी सूत्रों ने बताया कि दिल्ली में पाकिस्तानी उच्चायोग को हुई मुश्किल की वजह उच्चायोग और एक प्राइवेट बैंकिंग ऑथारिटी के बीच का मामला था. इसे केंद्र सरकार ने सुलझा दिया है.
एक विदेशी डिप्लोमेट ने ईटी को बताया कि 500 और 1000 के पुराने नोट बंद हो जाने के बाद बैंक विदड्रॉल लिमिट को लागू हुए एक महीना बीत चुका है. इसे लेकर एक्सटर्नल अफेयर्स मिनिस्ट्री ने इसका कोई समाधान नहीं निकाला है.
दूतावासों का मानना है कि उनके अपने फंड पर लिमिट तय करना विएना कन्वेंशन का उल्लंघन है. कुछ देश भारत को कड़ा संदेश देने के लिए अपने यहां मौजूद भारतीय दूतावासों पर भी बैंक विदड्रॉल लिमिट लगाने की सोच रहे हैं. ईटी ने रिपोर्ट दी थी कि दिल्ली में पाकिस्तानी डिप्लोमैट्स ने अपने सैलरी अकाउंट वाले भारतीय बैंक से डॉलर में दी जाने वाली सैलरी लेने से इंकार कर दिया है.