नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नोटबंदी के बाद यह दावा किया गया था कि नोटबंदी से आतंकियों और उग्रवादियों की कमर टूट जाएगी. साथ ही यह भी दावा किया गया था कि असामाजिक तत्व अब फेक करंसी का कारोबार नहीं कर सकेंगे लेकिन यह सारे दावे खोखले साबित हुए. इस से न तो आतंकी और उग्रवादी संगठनों का सफाया हुआ और न ही जाली करेंसी नोटों का कारोबार थमा. नई करेंसी आने के एक हफ्ते के भीतर ही देश में 2000 रुपये के नए जाली नोट मार्केट में आ गए.
सीमा पार से दूसरे देशों से भी नकली नोटों की कई खेप अब तक भारत आ चुकी है. बंगाल में 6 दिन पहले ही मुर्शिदाबाद में फेक करेंसी के रैकेट का भांडाफोड़ हुआ.
जनसत्ता के अनुसार, राष्ट्रीय जांच एजेंसी (एनआईए) और सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) ने फिर से भारत-बांग्लादेश सीमा से सटे बाड़ेबंदी और इंटरनेशनल पिलर्स के बीच स्थित एक गांव से 2000 रुपये के नए नोटों की फेक करेंसी बरामद की है जिसका मूल्य 2 लाख रुपये है. इससे पहले जाली नोटों की खेप भारत-बांग्लादेश सीमा से करीब 35 किलोमीटर दूर एक गांव में बरामद हुई थी. जाली नोटों की बरामदगी के लिए गठित स्पेशल टीम ने सीमा पर स्थित गांव चुरियंतपुर का निवासी 19 साल का फारुक को गिरफ्तार किया है.
सुरक्षा एजेंसियों को इनपुट मिला था कि बुधवार की सुबह गांव में जाली नोटों की खेप पहुंचने वाली है. इस सूचना पर सुरक्षा एजेंसियों ने जाल बिछाकर दबिश दी और खेप पहुंचते ही उसे दबोच लिया. हालांकि, जाली नोटों की खेप पहुंचाने वाले गिरोह का कोई भी सदस्य पकड़ में नहीं आ सका.
जालसाजों ने इस नई करेंसी नोट की हू-ब-हू फीचर्स की नकल की है. हालांकि उसकी पेपर क्वालिटी अच्छी नहीं है, लेकिन आम आदमी इनमें आसानी से फर्क नहीं कर सकता है. सुरक्षा अधिकारियों के मुताबिक फेक करेंसी का कलर भी असली नोटों जैसा नहीं है लेकिन बाकी फीचर्स वैसे ही हैं जैसे रिजर्व बैंक द्वारा छापी गई करेंसी में मौजूद है. अधिकारियों ने बताया कि ये नोट पाकिस्तान से नहीं लाए गए हैं बल्कि बांग्लादेश के ही एक छोटे से गांव में छापे गए हैं.
बता दें कि बीएसएफ और एनआईए की नजर फारुक नामक व्यक्ति पर 2015 से है जब उसे नकली नोटों की स्मगलिंग के आरोप में पकड़ा गया था. फारुक के पास से करीब 6 लाख रुपए के नकली नोट बरामद हुए थे. मंगलवार को भी जब वउमर की गिरफ्तारी हुई थी तब उसके पास से 2000 रुपये के तीन नकली नोट मिले थे. जांच एजेंसियों का कहना है कि उमर का पूरा परिवार इस गोरखधंधे में शामिल है. अभी भी उसके परिवार के तीन लोग नकली नोटों का धंधा करने के आरोप में जेल में बंद हैं. इस इलाके की भौगोलिक बनावट ऐसी है कि ये लोग बड़ी आसानी से कभी बांग्लादेश तो कभी भारत में प्रवेश कर जाते हैं.