हिन्दुस्तान टाइम्स कई एडिशंस को बंद कर रहा है। उनमें भोपाल, इंदौर, रांची, कानपुर, इलाहाबाद और वाराणसी शामिल हैं.टाइम्स आफ इंडिया का विज्ञापन बजट करीब चालीस फीसद गिर चुका है .कई छोटे अख़बार पत्रिका बंद हो चुके है कई बंद होने की कगार पर है .बड़े पैमाने पर बेरोजगारी का दौर शुरू हो रहा है .पर आप चाहे तो नोटबंदी का स्वागत कर सकते हैं यह आपकी श्रद्धा ,विश्वास और अंध विश्वास पर निर्भर करता है .
नोटबंदी ने देश के बड़े मीडिया घरानों को हिलाकर रख दिया है. साल 2017 की शुरुआत मीडिया संस्थानों में काम कर रहे पत्रकारों के लिए दुखी करने वाली साबित हो रही है. कई मीडिया संस्थानों ने बड़ी संख्या में छंटनी की योजना बना दी हैं. इंडिया संवाद की खबर के मुताबिक देश के एक बड़े अख़बार हिंदुस्तान टाइम्स ने अपने चार संस्करण और तीन ब्यूरो को बंद करने का फैसला लिया है.
इस फैसले के बाद इसके बाद लगभग 1000 पत्रकार बेरोजगार हो जायेंगे. हिंदुस्तान टाइम्स ने अपने सर्कुलर में कहा है कि कोलकाता, इंदौर, भोपाल, रांची संस्करण हिंदुस्तान टाइम्स 9 जनवरी से बंद कर देगा. बिड़ला ग्रुप की हेड शोभना भारतीय का कहना है कि उन्होंने इलाहाबाद, कानपुर और वाराणसी के ब्यूरो भी बंद करने का फैसला किया है.
उत्तरप्रद्श में आगामी विधानसभा चुनावों के मद्देनजर हिंदुस्तान टाइम्स के लिए यह बेहद झटका देने वाली खबर है. कई मीडिया घरानों का कहना है कि इस तरह के फैसले डीमोनेटाइजेशन के प्रभाव के कारण लेने पड़ रहे हैं. मीडिया घरानों का कहना है कि डीमोनेटाइजेशन के बाद कैश में आयी कमी के कारण उनके रेवेन्यू में जोरदार कमी आयी है. हालांकि मीडिया संस्थानों के डिजिटल माध्यमों के विज्ञापनों में इजाफा जरूर हुआ है.
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I support ht.Wage board&demonetisation is hurting print industry.print needs zero rating in gst. #narendramodi https://t.co/G6ClrrxEVN
— Vineet jain (@vineetjaintimes) January 6, 2017
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टाइम्स ऑफ इंडिया (Times of India) के एमडी विनीत जैन ने समर्थन किया है. इस बारे में विनीत जैन ने एक ट्वीट किया है. इस ट्वीट में उन्होंने कहा है कि वेतन आयोग और नोटबंदी से प्रिंट इंडस्ट्री को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है, इसलिए हिन्दुस्तान टाइम्स द्वारा उठाया गया यह सही कदम है और मैं इसका समर्थन करता हूं.
हिंदुस्तान टाइम्स अपने बिजनेस ब्यूरो को बंद किया जा चुका है, ज्यादातर स्टाफ को हटाया जा चुका है. प्रबंधन का कहना है कि ‘समूह के बिजनेस पेपर मिंट को हिंदुस्तान टाइम्स के प्रबन्धन के जरिये चलाया जा रहा है.