नई दिल्ली: केंद्र सरकार द्वारा लिए गये नोटबंदी के फैसले के बाद होने वाली परेशानी से लोग ऐसे ही जूझ रहे हैं. ऐसे में एक चौंकाने वाली रिपोर्ट सामने आई है. जिसमें बताया गया है कि रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया ने अबतक महज 1.5 लाख करोड़ रुपए के ही नए नोट छाप पाए हैं. 500 और 1000 के 14.18 लाख करोड़ रुपयों को रद्दी बना दिया गया है. जबकि 1.5 लाख करोड़ रुपयों में से अधिकतर नोट 2000 रुपए के हैं जो फिलहाल अभी किसी इस्तेमाल के नहीं है. क्योंकि लोगों के पास इसके छुट्टे करने के लिए पैसे नहीं हैं.
जनसत्ता के अनुसार, यह रिपोर्ट Credit Suisse research report द्वारा 25 नवंबर को सामने आई है. इसके अलावा 2.2 लाख करोड़ रुपए की करेंसी पहले से चलन में है. नोटबंदी के बाद 500 और 1000 रुपए के 2,203 करोड़ के नोट कागज के टुकड़े के बराबर हो गए. रिपोर्ट का मानना है कि ट्रांजेक्शन लेवल पहले की स्थिति में लाने के लिए रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया को जल्दी ही 1,000-2,000 करोड़ के नोट और छापने होंगे. रिजर्व बैंक ऑफ इंडिया का कहना है कि 1.03 लाख करोड़ 10 से 18 नवम्बर के बीच बैंक और एटीएम के माध्यम से लोगों तक पहुंचा दिए हैं. 14.18 लाख करोड़ रुपए की पुरानी करेंसी में से 6 लाख करोड़ रुपए विभिन्न बैकों में फिर से जमा हो गई है.
उल्लेखनीय है कि हाल ही में ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के अनुसार 23 बिलियन से अधिक नोट अब बंद हो गए हैं. अगर उन्हें एक के ऊपर एक रखा जाए तो इनसे बनने वाली आकृति माउंट एवरेस्ट से 300 गुना ज्यादा ऊंची हो सकती है. प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 8 नवंबर को नोटबंदी का फरमान जारी किया था. बताया गया था कि 31 दिसंबर के बाद से 500 और 1000 रुपए के नोट नहीं चलेंगे. उन्होंने यह भी कहा था कि 500 और 1000 के नोट 31 दिसंबर के बाद महज कागज के टुकड़े के बराबर होंग. दुनिया भर में भारत द्वारा नोटबंदी के फैसले को बड़ा कदम बताया जा रहा है. लेकिन यह क़दम कितना सफल हो पायेगा वक़्त आने पर ही पता चलेगा.